सृजन घोटाला: सीबीआइ और इडी को मिली अहम जानकारी, ठिकानों की छानबीन में जुटी सीबीआइ

राज्य के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले के कुछ प्रमुख आरोपितों के कुछ ठिकानों पर सीबीआइ ने छानबीन की है. इसमें कुछ अधिकारियों के भी ठिकाने शामिल हैं. इनके ठिकानों पर सृजन से जुड़े कागजात और अन्य दस्तावेजों की जांच की गयी.

By Prabhat Khabar | August 28, 2021 11:10 AM

पटना. राज्य के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले के कुछ प्रमुख आरोपितों के कुछ ठिकानों पर सीबीआइ ने छानबीन की है. इसमें कुछ अधिकारियों के भी ठिकाने शामिल हैं. इनके ठिकानों पर सृजन से जुड़े कागजात और अन्य दस्तावेजों की जांच की गयी. हालांकि, सीबीआइ के स्तर से अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गयी है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन स्थानों पर छानबीन के दौरान कुछ लोगों से पूछताछ भी की गयी है. अधिकारियों के यहां छानबीन के दौरान कौन-कौन -से कागजात मिले हैं, इसका खुलासा नहीं किया गया है. इस पूरे मामले में सीबीआइ जल्द ही कुछ बड़े लोगों की गिरफ्तारी करने जा रही है. इसमें कुछ एक बड़े नाम भी हो सकते हैं.

इससे पहले की यह कार्रवाई समझी जा रही है. इधर, इडी की जांच भी इस मामले में काफी तेज हो गयी है. भागलपुर की तत्कालीन डीसीएलआर और सृजन घोटाले की मुख्य अभियुक्त जयश्री ठाकुर के जुड़े कुछ अहम तथ्य मिले हैं. इसमें उनके सबसे करीबी अनीश के करोड़ों रुपये गबन करने के प्रमाण मिले हैं.

अनीश उनका नाजिर हुआ करता था. उसने भी सृजन घोटाले में काफी पैसे कमाये हैं. फिलहाल वह फरार चल रहा है और इडी उसकी तलाश में है. अनीश के बारे में पता चला है कि बांका में उसने सृजन के पैसे से शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बना रखा है. इसमें कुछ अन्य लोगों की भी दुकानें हैं. फिलहाल इस पहलू की जांच गहनता से चल रही है.

एमवी राजू के दो दक्षिण भारतीय अधिकारियों से खास संबंध थे

सृजन घोटाले के एक अन्य आरोपित एमवी राजू के दो दक्षिण भारतीय मूल के अधिकारियों के साथ खास संबंध थे. ये दोनों उस समय भागलपुर के डीएम और एसपी थे. इन दोनों अधिकारियों की आवभगत में एमवी राजू खासतौर से लगे रहते थे. इन्हें लेकर वे बैंकॉक के टूर पर भी गया था. बताया जा रहा है कि उसने अपनी सभी काली कमाई को ओड़िशा के एक सोलर प्लांट में निवेश कर रखा है. इडी इन बातों की भी गहन तहकीकात कर रही है.

सृजन घोटाले में नाजिर राकेश यादव को मिली जमानत

अरबों रुपये के सृजन घोटाले में आरोपित भागलपुर के जिला परिषद कार्यालय के नाजिर राकेश कुमार उर्फ राकेश यादव को जमानत मिल गयी है. आरोपित ने शुक्रवार को पटना उच्च न्यायालय से मिली जमानत के आलोक में पटना सीबीआइ -दो के विशेष जज गीता गुप्ता की अदालत में बंधपत्र दाखिल किया़ सृजन घोटाले के एक मामले 17(ए) 17 में राकेश कुमार 12 अगस्त ,2017 से जेल में बंद थे. उनका मामला आरोप गठन के लिए लंबित है़ पटना उच्च न्यायालय ने मामले में आरोप गठन अभी तक न होने के कारण जमानत प्रदान की.

निकाले गये कैश की नहीं सुलझ रही गुत्थी

सृजन सहकारिता सहयोग समिति के खाते में सरकारी खजाने से पैसे अवैध रूप से ट्रांसफर होकर आते थे. फिर इससे अधिकतर पैसे चेक या आरटीजीएस या अन्य तरीके से अलग-अलग जगहों या लोगों तक पहुंचते थे,परंतु जांच में यह बड़ी बात सामने आयी है कि इसके खाते में करीब 250 करोड़ रुपये कैश के रूप में निकले हैं. ये कैश कई सफेदपोशों तक पहुंचे हैं.

फिलहाल इसकी गुत्थी जांच एजेंसी से नहीं सुलझ रही है. ये रुपये कब-कब निकले और किन लोगों तक सीधे पहुंचे. इन रुपयों का निवेश कई स्थानों या व्यावसायिक गतिविधियों में भी किया गया है. इसकी सटीक जानकारी भी नहीं मिल पा रही है. कैश की गुत्थी सुलझाने में व्यापक स्तर पर कसरत चल रही है.

Posted by Ashish Jha

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