bhagalpur news. दहेज को लेकर बिना प्रारंभिक जांच गिरफ्तारी नहीं की जाये
बिहार विधानसभा में गुरुवार को प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति सह भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने समाज कल्याण विभाग व गृह विभाग से संबंधित नवम प्रतिवेदन प्रस्तुत किया
भागलपुर बिहार विधानसभा में गुरुवार को प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति सह भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने समाज कल्याण विभाग व गृह विभाग से संबंधित नवम प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. सभापति ने बताया कि संसद द्वारा बनाये गये दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा तीन के प्रावधान का अनुपालन नहीं हो रहा है. समिति ने सदन में तीन अनुशंसा की. इनमें दहेज संबंधी मामले दर्ज करने में दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा-3 का पालन हो. अधिनियम के अंतर्गत दर्ज कराये गये कांडों में दूर-दराज के रिश्तेदारों के नाम सम्मिलित करने से पूर्व साक्ष्य प्राप्त किया जाये. दहेज के गंभीर मामलों, यथा हत्या आदि जैसे मामलों को छोड़कर बिना प्रारंभिक जांच के गिरफ्तारी नहीं की जाये. कहा कि कई मामलों में प्रतीत होता है कि कानून एकतरफा हो गया है. इसका उपयोग भयादोहन के एक हथियार के तौर पर कुछ मामलों में हो रहा है. संसद द्वारा बनाया गया दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 एवं बिहार राज्य दहेज निषेध नियमावली 1998 का मुस्तैदी से कार्यान्वयन होना चाहिये. बिहार राज्य में भी बिहार अधिनियम 4, 1976 की धारा-तीन में दहेज लेने व देने वाले पर केस का प्रावधान था. परंतु दहेज प्रतिषेध (बिहार संशोधन) अधिनियम, 1975 को बिहार अधिनियम 13, 2019 द्वारा निरसित किया जा चुका है. क्योंकि संसद के अधिनियम को पर्याप्त माना गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
