Bhagalpur news मतदाता सूची से नाम हटाने पर लोगों में रोष

सुलतानगंज प्रखंड मुख्यालय की दीवारों पर मंगलवार को मतदाता सूची से विलोपित नामों की सूची चिपकायी गयी, जिसे देख कर लोग हैरान रह गये.

By JITENDRA TOMAR | August 20, 2025 12:37 AM

सुलतानगंज प्रखंड मुख्यालय की दीवारों पर मंगलवार को मतदाता सूची से विलोपित नामों की सूची चिपकायी गयी, जिसे देख कर लोग हैरान रह गये. अवकाश घोषित होने के बावजूद निर्वाचन कार्य किया गया और सूची जारी कर दी गयी. इसमें कई ऐसे लोगों के नाम हटाये गये हैं, जो अभी जीवित हैं या बाहर काम करने गये हुए हैं, लेकिन उनके परिवार अब भी गांव में स्थायी रूप से रहते हैं.

गनगनियां पंचायत के वार्ड सदस्य ने बताया कि उनके बूथ पर दर्जनों नाम बिना वजह हटा दिये गये हैं. कई लोग बाहर काम करने जाते हैं, लेकिन हर पर्व-त्योहार पर घर आते हैं. उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि ऐसे लोगों के नाम हटा दिये गये हैं. यहां तक कि उनको मृत दिखाया गया है, वह आज भी जीवित हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बीएलओ घर-घर जाकर सही तरीके से सत्यापन नहीं किये, जिससे सूची में भारी गड़बड़ी हुई है. निर्वाचन नियम के तहत विलोपित मतदाताओं को दावा-आपत्ति दर्ज करने का अधिकार दिया गया है, लेकिन लोगों का कहना है कि जिन्हें जानकारी ही नहीं होगी कि उनका नाम हटाया गया है, वह आपत्ति कैसे करेंगे. इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों में असंतोष है. लोग मांग कर रहे हैं कि सूची में हुई त्रुटियों को जल्द सुधारा जाए और वास्तविक मतदाताओं के नाम फिर से जोड़े जाएं.

बाढ़ ने किसानों की तोड़ी कमर, कैसे चुकता होगा महाजन का कर्ज

गंगा नदी की बाढ़ से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. ब्रह्मोत्तर बांध से बाढ़ का पानी ओवरफ्लो होने से गोपालपुर प्रखंड की बड़ी आबादी प्रभावित हुई है. आधा दर्जन से अधिक जगहों पर आपदा प्रबंधन के तहत सामुदायिक रसोई से पीड़ितों में दिन व रात का भोजन उपलब्ध कराया गया था. अभी भी बाढ़ पीड़ित नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. सबसे ज्यादा मुश्किल में छोटे व लीज पर खेती करने वाले किसानों की है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दर्जनों छोटे किसानों ने कहा- की कहियो सर 20 हजार रुपये लीज पर लैकैय खेती करैय छिये. तीन बार ट्रैक्टर से खेत जुताई कर मकई की फसल लगाये थे. पटवन और खाद देकर मकई की फसल तैयार हुई. दाना आने के समय बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. अब खेत के मालिक को क्या देंगे और खाद, बीज पटवन व जुताई का कर्ज कैसे चुकायेंगे. गोपालपुर के किसान पप्पू सिंह कहते हैं कि बाढ़ से केला की फसल बर्बाद हो गयी. पर्व-त्यौहार में केला से अच्छी आमदनी की आस लगाये थे. बिटिया की शादी करनी थी, लेकिन अब महाजन को ब्याज कहां से देंगे, समझ में नहीं आ रहा है. मिर्च की खेती करने वाले भोला सिंह कहते हैं कि बाढ़ में सब कुछ बर्बाद हो गया है. अब खेती करने के बदले दिल्ली पंजाब रोजी रोटी के लिए जाना पड़ेगा. सैदपुर, डिमाहा, गोपालपुर, धरहरा सहित अन्य सभी बहियार में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से भारी नुकसान किसानों को हुआ है.

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