bhagalpur news. बासुकीनाथ के लिए एक लाख डाकबम कांवरियों ने उठाया जल

रविवार को देर रात डाकबम के लिए जल भरने का सिलसिला जारी रहा.

By NISHI RANJAN THAKUR | August 3, 2025 8:45 PM

सावन की चौथी सोमवारी को लेकर रविवार को शहर के प्रमुख घाट हनुमान घाट, बूढ़ानाथ घाट, एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट, बरारी सीढ़ी घाट, बरारी पुल घाट पर सुबह से ही डाकबम व बोलबम की भीड़ लगनी शुरू हो गयी थी. रविवार को देर रात डाकबम के लिए जल भरने का सिलसिला जारी रहा. दोपहर बाद जब मुसलाधार बारिश शुरू हुई, तो कुछ देर के लिए मार्ग में कांवरियों की भीड़ घटी, लेकिन उत्साह में कमी नहीं दिखी. बारिश की गति धीमी होने के बाद पहले जैसी भीड़ हो गयी. शहर शिवभक्तों से पट गया. डाकबम की संख्या बढ़ कर एक लाख से अधिक हो गयी. गोनूधाम, भयहरण बाबा, ज्येष्ठोर नाथ समेत अन्य मंदिरों में चढ़ायेंगे जल भागलपुर के विभिन्न गंगा तटों से जल उठाने वाले डाकबम कांवरिया सोमवार को बासुकिनाथ समेत अन्य भोलेनाथ के मंदिर में जलाभिषेक करेंगे. डाक बम परमानंद मंडल ने बताया कि यहां से अधिकतर डाकबम गोनू धाम, भय हरण बाबा, ज्येष्ठोर नाथ बाबा, भूतनाथ बाबा, मनसकामना नाथ बाबा मंदिर में जलाभिषेक करते हैं. कई लोग बासुकीनाथ भी जाते हैं. कहीं भजन-कीर्तन, तो कहीं डीजे की धुन पर थिरके कांवरिये शहर के कांवरिया पथ एसएम कॉलेज से भोलानाथ पुल पथ, हनुमान घाट व बरारी घाट से तिलकामांझी पथ पर कांवरियों व डाकबमों का जत्था एक के एक कर गुजरता जा रहा. हर-हर महादेव तो कहीं डीजे की धुन पर कांवरिये नाच रहे थे. सुरक्षा को लेकर बूढ़ानाथ मंदिर, आदमपुर शिव शक्ति मंदिर, कुपेश्वरनाथ मंदिर, भूतनाथ मंदिर, मनसकामना नाथ मंदिर में महिला और पुरुष पुलिस बल व सीसीटीवी कैमरा लगाये गये हैं. भोलानाथ रेल पुल के नीचे जलजमाव नहीं बन सकी बाधा कचहरी चौक के आगे नगर निगम की ओर से केवल यहां पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर दिया गया था. वहीं मुंदीचक क्षेत्र, इशाचक बौंसी रेल पुल व आसपास क्षेत्र में सड़क पर कीचड़ जमा रहा. कांवरियों को किसी तरह इस होकर गुजरना पड़ा. सेवा करने वाले कार्यकर्ताओं ने उनका पैर धोया और आगे बढ़ने में मदद की. प्रशासन की ओर से भोलानाथ फ्लाइओवर ब्रिज निर्माण के कारण कांवरियों के रूट को डायवर्ट कर मुंदीचक से पटल बाबू रोड की ओर कर दिया गया था, लेकिन कई कांवरियां जैसे-तैसे भोलानाथ पुल की ओर से गुजरे. बारिश के बाद भोलनाथ पुल के नीचे तालाब बन गया, लेकिन कांवरिया इसी होकर गंदा नाला से गुजरे.

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