प्रेम, समानता और आशा का उत्सव है ओणम 14 सितंबर को माउंट असीसि स्कूल में मनाया जायेगा

भागलपुर में ओणम पर्व मनेगा.

By KALI KINKER MISHRA | September 7, 2025 10:32 PM

ओणम प्रेम, समानता और आशा का उत्सव है. यह पर्व जाति, धर्म, ऊंच-नीच और अमीर-गरीब के भेदभाव को मिटाकर मानवता और आपसी सद्भाव का संदेश देता है. जब हम दूसरों के आंसू पोंछते हैं, भूखों को भोजन देते हैं, दूसरों में अच्छाई खोजते हैं और मानव कल्याण का स्वप्न देखते हैं, तभी ओणम जैसे पर्व का वास्तविक अर्थ समझ में आता है. भागलपुर और बांका में लगभग 200 केरल निवासी रहते हैं, जिनमें अधिकतर इसाई परिवार से हैं. भागलपुर में वर्ष 2002 से रह रहे ‘वाक द टॉक’ पुस्तक के लेखक ऑगस्टिन काराप्पल्लि ने कहा कि ओणम किसी धर्म या मत विशेष का पर्व नहीं है. इसे सभी लोग मिलकर मनाते हैं. इस वर्ष ओणम 14 सितंबर को भागलपुर के बड़ी पोस्ट ऑफिस स्थित माउंट असीसि स्कूल में मनाया जाएगा. स्कूल परिसर में इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. भागलपुर और बांका में रहने वाले अधिकांश केरल निवासी इसमें भाग लेंगे. यह पर्व भगवान विष्णु और राजा महाबली के जीवन से प्रेरित है. माउंट असीसि स्कूल के शिक्षक पवन कुमार ने कहा कि यह पर्व प्रेम और शांति का प्रतीक है। इसमें भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और सभी लोग मिलकर समारोह का आनंद लेते हैं. ऑगस्टिन काराप्पल्लि ने बताया कि ओणम दस दिनों तक मनाया जाता है. पुष्प सज्जा इसकी प्रमुख विशेषता है. पहले दिन ‘अत्तम’ पर एक प्रकार का फूल सजाया जाता है जबकि अंतिम दिन दस प्रकार के फूलों से सजावट की जाती है. इस दौरान भव्य और पारंपरिक भोज का आयोजन होता है, जिसे केले के पत्ते पर परोसा जाता है. इसमें 56 से अधिक स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजन शामिल होते हैं, जैसे सांभर, अवियल, थोरन, ओलन, कूटु करी, अचार, पापड़ और मिठाई के रूप में पायसम। परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर इस भोजन का आनंद लेते हैं, जिससे आपसी प्रेम और सामूहिकता की भावना मजबूत होती है.

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