Bhagalpur news तटबंध खाली करने का निर्देश, विस्थापितों में मची अफरा-तफरी

इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर इस वर्ष चार ठेकेदारों से 64 करोड़ रुपये की लागत से स्पर संख्या छह एन से स्पर संख्या नौ तक कटाव निरोधी कार्य करवाया जा रहा है.

By JITENDRA TOMAR | April 19, 2025 11:17 PM

जल संसाधन विभाग की ओर से इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर इस वर्ष चार ठेकेदारों से 64 करोड़ रुपये की लागत से स्पर संख्या छह एन से स्पर संख्या नौ तक कटाव निरोधी कार्य करवाया जा रहा है. पिछले एक दशक से बिंद टोली व बुद्धूचक के ग्रामीण गंगा नदी के कटाव से विस्थापित हो तटबंध पर अपना आशियाना बना माल मवेशियों के साथ रह रहे हैं. हालांकि कुछ विस्थापित परिवारों को सीओ ने बास भूमि उपलब्ध करायी है. कटाव निरोधी कार्य करने में परेशानी होने से प्रशासनिक अधिकारियों ने ध्वनि विस्तारक यंत्र से तटबंध पर रह रहे विस्थापित परिवारों को अविलंब तटबंध खाली करने का निर्देश दिया. तटबंध खाली नहीं करने पर प्राथमिकी दर्ज करने व प्रशासन की ओर से बल प्रयोग कर खाली करने व घर खाली करने में खर्च की वसूली करने की जानकारी दी है. प्रशासन की इस घोषणा से विस्थापितों में हड़कंप मच गया है. पिछले वर्ष तटबंध पर विस्थापित परिवारों के रहने के कारण गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने व कटाव शुरू होने पर तटबंध को बचाने का कार्य नहीं किया जा सका, जिस कारण तटबंध ध्वस्त हो गया और बड़े पैमाने पर तबाही मच गयी. प्रखंड मुख्यालय गोपालपुर, थाना परिसर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सैदपुर सहित दर्जनों गांव बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हो गये. नवगछिया-सैदपुर-तिनटंगा करारी पीडब्ल्यूडी सड़क कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गयी थी. जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था.

सरकार जमीन दे, तो तत्काल तटबंध खाली कर चले जायेंगे

इस्माईलपुर-बिंद टोली पर स्पर संख्या सात से स्पर संख्या नौ तक तटबंध पर सैकड़ों विस्थापित परिवार झोपड़ी बना कर रह रहे हैं. प्रशासन के निर्देश के बाद यहां रह रहे लोगों का कहना है कि सरकार जमीन उपलब्ध करा दे, तो हमलोग तत्काल तटबंध खाली कर चले जायेंगे. हालांकि इनमें से अधिकतर लोगों को सीओ ने बास भूमि के साथ आवास योजना का लाभ दिया. दर्जनों विस्थापित लोगों को भूमि खरीदने के लिए राशि दी गयी. काफी संख्या में लोग अभी भी तटबंध पर रह रहे हैं. दर्जनों विस्थापित परिवारों को अब तक भूमि नहीं दी गयी है. तटबंध पर रह रहे बलराम पासवान, मुरारी पासवान, सुनील महतो ,ब्रह्मचारी पासवान, शिवम सिंह, सौरभ सिंह, राजदेव पासवान, मणिलाल सिंह, छविलाल सिंह, संजय सिंह सहित दो दर्जन से अधिक विस्थापित परिवारों ने बताया कि अब हमलोग बाल बच्चों व मवेशियों के साथ कहां जायें, समझ नहीं आ रहा है. विस्थापित परिवारों ने कहा कि हो बाबू कोय उपाय नै छैय. दौड़तैय दौड़तैय पैर दुखाय गेलैय. हमरा सनी कैय घर बनावैय लैय साहबैय आबतक कहीं बसैय लैय जमीन नैय देनै छैय. इतना कह विस्थापित परिवार की महिलाएं गमगीन हो गयीं.

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