Bhagalpur news नरकटिया जमींदारी बांध ध्वस्त, आवागमन ठप
बिहपुर प्रखंड स्थित नरकटिया जमींदारी बांध देर शाम पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. बांध करीब 70 से 100 फीट लंबाई में धंस गया, जिससे आसपास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
बिहपुर प्रखंड स्थित नरकटिया जमींदारी बांध देर शाम पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. बांध करीब 70 से 100 फीट लंबाई में धंस गया, जिससे आसपास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. हालांकि गंगा नदी का जलस्तर इस समय कम होने से किसी बड़ी आपदा का खतरा नहीं है, लेकिन लोगों में प्रशासनिक लापरवाही को लेकर नाराजगी देखी जा रही है. स्थानीय लोगों के अनुसार मंगलवार शाम को अचानक बांध का एक बड़ा हिस्सा तेज आवाज के साथ धंस गया. देखते ही देखते पूरी सड़क टूट कर नदी में समा गयी. सड़क ध्वस्त होने से नरकटिया से अन्य गांवों के बीच आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है. पशुपालकों व राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यह बांध पिछले कई वर्षों से मरम्मत और रखरखाव के अभाव में कमजोर हो चुका था. बरसात में बार-बार दरार पड़ने की शिकायत की गयी, लेकिन विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने इस ओर कभी गंभीरता नहीं दिखाई. चुनावी मौसम में यह बांध हमेशा एक बड़ा मुद्दा बनता रहा है, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं, नेता और प्रशासन दोनों इस समस्या को भूल जाते हैं. स्थानीय नागरिक ने बताया कि हमने कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दिया था कि बांध कमजोर हो गया है और किसी समय टूट सकता है, परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गयी. आज जो हुआ, वह लापरवाही का नतीजा है. ग्रामीण कौशल राय और रविंद्र नाथ ठाकुर के बगीचे के समीप यह घटना हुई, जहां से गंगा की धारा धीरे-धीरे बांध के नीचे कटाव कर रही थी. हालांकि आवागमन बहाल होने में अभी कई दिन लग सकते हैं. बांध के ध्वस्त होने के बाद सोशल मीडिया पर विपक्षी दलों ने सत्तापक्ष पर जमकर निशाना साधा. कई नेताओं ने पोस्ट कर कहा कि हर चुनाव में इस बांध की मरम्मत और मजबूती का वादा किया जाता है, लेकिन कार्य के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिलता है. लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही स्थायी मरम्मत नहीं की गयी, तो अगली बाढ़ में बड़ा खतरा हो सकता है. गंगा के जलस्तर में फिलहाल गिरावट है, जिससे स्थिति नियंत्रण में है. विशेषज्ञों का मानना है कि बांध के नीचे मिट्टी का क्षरण जारी है, जो भविष्य में गंभीर संकट का कारण बन सकता है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस बांध की तत्काल मरम्मत कर इसे पक्का किया जाए, ताकि आने वाले दिनों में कोई बड़ी त्रासदी न घटे.
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