bhagalpur news. कतरनी पर भारी पड़ा मालभोग, बाजार में फैलने लगी नये चूड़ा व चावल की खुशबू
भागलपुर के मुख्य बाजार में अब नया कतरनी व मालभोग चूड़ा-चावल उतर चुका है. इस बार कतरनी पर मालभोग भारी है.
भागलपुर के मुख्य बाजार में अब नया कतरनी व मालभोग चूड़ा-चावल उतर चुका है. इस बार कतरनी पर मालभोग भारी है. कतरनी जहां 140 से 150 रुपये किलो बिक रहे हैं, तो मालभोग 160 रुपये किलो बिक रहे हैं. मिलावट वाली कतरनी 80 से 100 रुपये किलो भी बिक रही है. पिछले साल से हर किस्म धान के चूड़ा-चावल पर 10 फीसदी तक महंगाई की मार है. चूड़ा व चावल कारोबारी चंदन विश्वास ने बताया कि इस बार मौसम ने किसानों का साथ नहीं दिया. असमय बारिश हुई. ऐसे में उत्पादन पर असर भी पड़ा. पिछली बार जिस चावल-चूड़ा की कीमत 120 से 130 रुपये किलो थी, इस बार 140 से 150 रुपये बिक रहे हैं. मालभोग पिछले साल 100 से 120 रुपये किलो बिक रहे थे. इस बार 160 रुपये किलो बिक रहे हैं. सोनम-संभा भी 45 से 50 रुपये किलो बिक रहे थे, जो इस बार 55 से 60 रुपये किलो बिक रहे हैं. मोटा चूड़ा 30-35 की बजाय 40-45 रुपये किलो बिक रहे हैं. दूसरे चूड़ा कारोबारी रंजीत झुनझुनवाला ने बताया कि उनके यहां इस बार 145 रुपये किलो कतरनी चूड़ा बिक रहा है, जो कि पिछले साल 100 से 120 रुपये किलो तक बिक रहे थे. अभी नया चावल तैयार नहीं हो पा रहा है. अभी यह कम मात्रा में उपलब्ध है. संभा चूड़ा पिछले साल 45 से 55 रुपये तक उपलब्ध था. इस बार 60 से 70 रुपये किलो बिक रहे हैं. इस बार उत्पादन पिछले साल से कम हुआ है. कतरनी व मालभोग उत्पादक किसान राजशेखर ने बताया कि नयी कतरनी धान की फसल अभी खेत से निकल रहे हैं. पूरी तरह से इसकी तैयारी नहीं हुई है. लोग हरे धान का चूड़ा तैयार करा रहे हैं. यह चूड़ा अधिक दिनों तक नहीं टिकता. इसी कारण लोग कम मात्रा में हरे धान का चूड़ा तैयार करा रहे हैं. कम मात्रा में तैयार चूड़ा की मांग बढ़ गयी. कम मात्रा में उपलब्धता और अधिक मांग के कारण महंगाई अधिक है. जैविक कतरनी 170 रुपये किलो कतरनी उत्पादक संघ से जुड़े मनीष सिंह एवं ने बताया कि पिछले चार साल से ही जैविक कतरनी को बढ़ावा दे रहे हैं. अब मांग बढ़ गयी है. इस बार बेमौसम बारिश के कारण उत्पादन पर असर पड़ा है. हरा जैविक कतरनी चूड़ा 170 रुपये किलो से अधिक कीमत पर बिक रहे हैं. पिछले साल 140 से 150 रुपये किलो तक बिक रहे थे. बाजार में अधिक मुनाफा कमाने के लिए हरा चूड़ा की बिक्री शुरू हो गयी. हालांकि कम दाम में मिल रहे कतरनी चूड़ा में मिलावट है.
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