Bhagalpur news भगवान के वन गमन की कथा सुनकर श्रोता हुए भावुक

श्यामपुर स्थित महंत बाबा स्थान में विश्व कल्याणार्थ आयोजित 11 कुंडीय श्रीलक्ष्मी-नारायण महायज्ञ का आठवां दिन

By JITENDRA TOMAR | May 7, 2025 12:12 AM

कहलगांव श्यामपुर स्थित महंत बाबा स्थान में विश्व कल्याणार्थ आयोजित 11 कुंडीय श्रीलक्ष्मी-नारायण महायज्ञ में आठवें दिन मंगलवार को अयोध्या धाम से आयी साध्वी धर्म मूर्ति जी ने कथा वाचन करते हुए कहा कि रामचरितमानस में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों तक वनवास में रहे. इस दौरान वन में विभिन्न स्थानों पर उन्होंने विश्राम किया. उन्होंने कहा कि अयोध्या के राजा दशरथ गुरु वशिष्ठ के परामर्श से प्रभु राम के राज तिलक की तैयारी में जुटे थे. जनता खुशी में पटाखे फोड़ दीया जला रही थी. इधर मंथरा ने सबसे छोटी रानी कैकेयी के मन में विद्वेष की भावना पैदा कर दिया. कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वरदान के बदले राम को 14 वर्ष का वनवास और भरत को अयोध्या का राजा बनाने की मांग रख दी. राजा दशरथ को कैकेयी की इच्छा जानकर काफी दुख हुआ. जब इसका पता प्रभु श्री राम को हुआ, तो वह माता-पिता के आदेश को मानकर वनवास जाने लगे, तो लक्ष्मण जी भी वनवास जाने की जिद करने लगे. अंत में प्रभु श्रीराम मां सुमित्रा के आदेश पर साथ ले जाने के लिए तैयार हुए. साथ में सीता मां भी वनगमन की. भगवान के वन गमन की कथा सुनकर श्रोता भावुक हो गये. कथा सुनने के लिए श्यामपुर सहित आसपास के क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालु की भीड़ लगी रही.

मनुष्य को कर्म के अनुरूप ही फल की होती है प्राप्ति

शाहकुंड दीनदयालपुर गांव में 11 दिवसीय राम कथा में साध्वी प्रियंका शास्त्री ने कहा कि मनुष्य को कर्म के अनुरूप ही फल की प्राप्ति होती हैं. मनुष्य अच्छा कर्म करें और भगवान व संस्कृति को न भूले. मनुष्य एकता के साथ रहे एकता नहीं रहने से रावण हार गया, क्योंकि उसका भाई खिलाफ था. राम जीते इसलिए कि उनका भाई लक्ष्मण साथ थे. भाई का साथ रहे, तो कोई भी कार्य पर विजय होगा. प्रवचन को सुनने आसपास गांव के भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है.

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