Bhagalpur news कोसी खतरे के निशान 29 सेंटीमीटर व गंगा 120 सेंटीमीटर ऊपर

मदरौनी में कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी रहने से कोसी नदी के किनारे स्थित दर्जनों गांवों में बाढ़ की स्थिति विकराल होते जा रही है.

By JITENDRA TOMAR | September 16, 2025 11:06 PM

नवगछिया अनुमंडल के मदरौनी में कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी रहने से कोसी नदी के किनारे स्थित दर्जनों गांवों में बाढ़ की स्थिति विकराल होते जा रही है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में तीन सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ कोसी नदी खतरे के निशान 31.48 मीटर से 29 सेंटीमीटर ऊपर अर्थात 31.77 मीटर पर बह रही है.गंगा नदी का जलस्तर इस्माईलपुर-बिंद टोली में पिछले 48 घंटे से 32.80 मीटर पर स्थिर है.गंगा नदी खतरे के निशान से 120 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. कार्यपालक अभियंता ई गौतम कुमार ने बताया कि गंगा व कोसी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे स्परों व तटबंधों पर कड़ी निगरानी की जा रही है. फ्लड फायटिंग के लिए संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में बालू भरी बोरियां, एनसी व बांस का भंडारण किया गया है.

कोसी पार के तीनों पंचायतों में तीसरी बार बाढ़ की स्थिति भयावह

कोसी पार के तीनों पंचायतों में तीसरी बार बाढ़ की स्थिति भयावह है. नवगछिया के सीओ संतोष कुमार सुमन ने खेरपुर पंचायत के मुखिया पंकज जायसवाल के साथ बाढ़ प्रभावित वार्ड 6, 7, 8 ,10, 11 ,12 ,13 का निरीक्षण किया. बाढ़ पीड़ित बबलू शर्मा ने बताया कि अधिकारी आते हैं, घूम कर चले जाते हैं. रोशन कुमार ने सीओ से आग्रह किया है कि सरकारी राहत मुहैया करायी जाए. कदवा पंचायत के मुखिया नरेश सिंह ने बताया कि सीओ से फोन पर बात हुई है. मुखिया ने बताया कि कदवा पंचायत का 9, 11 व 13 बाढ़ ग्रस्त है. वहीं ढोलबज्जा पंचायत के मुखिया सच्चिदानंद यादव ने सीओ के साथ क्षेत्र में घूम कर समस्याओं को देखा. पीएचईडी के एग्जीक्यूटिव से बात कर स्वच्छ पानी व शौचालय की व्यवस्था करने का अनुरोध किया. ढोलबज्जा पंचायत के मुखिया सच्चिदानंद यादव एवं जिला परिषद सदस्य नंदिनी सरकार ने कहा हमलोग तत्पर हैं, जनता को किसी प्रकार की समस्या नहीं आने देंगे.

गंगा का जलस्तर बढ़ने से संकट गहराया; गांव जलमग्न, राहत नदारद

गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से अकबरनगर थाना क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. गंगापुर पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में है, जबकि श्रीरामपुर गांव के वार्ड आठ और दस का बड़ा इलाका पानी में डूब गया है. स्थिति इतनी भयावह है कि लोग घरों की छतों पर शरण लेकर किसी तरह दिन गुजार रहे हैं. उत्क्रमित कन्या मवि श्रीरामपुर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से पठन-पाठन को अस्थायी रूप से कन्या मवि हाई स्कूल परिसर में शिफ्ट कर दिया गया है. बसंतपुर, खेरैहिया, हरीनगर, भवनाथपुर और किसनपुर सहित अन्य गांवों में भी बाढ़ का पानी भरने से जनजीवन प्रभावित है. दियारा क्षेत्र पहले ही पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. यहां मवेशी पालक सबसे अधिक परेशानी में हैं. मवेशियों का चारा पानी में डूब कर नष्ट हो चुका है, जिससे लोग सड़क किनारे या ऊंचे स्थान पर अपने मवेशियों को किसी तरह सूखा खिलाकर जिंदा रखने को विवश हैं. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ प्रभावित होने के बावजूद अब तक प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस राहत सामग्री उपलब्ध नहीं करायी गयी है. चारा की अनुपलब्धता और राहत शिविर की कमी से लोगों की परेशानी दोगुनी हो गयी है. ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत राहत सामग्री, चारा और सुरक्षित ठिकाने की व्यवस्था करने की मांग की है.

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