bhagalpur news. कैकेयी ने राजा दशरथ से मांगा भरत के लिए राजगद्दी, श्रीराम को वनवास
मंथरा के कुसंग के कारण कैकेयी ने राजा दशरथ से अपने पुत्र भरत को राजगद्दी व सर्वाधिक प्रिय पुत्र श्रीराम को वनवास भेजने का वचन मांग लिया.
मंथरा के कुसंग के कारण कैकेयी ने राजा दशरथ से अपने पुत्र भरत को राजगद्दी व सर्वाधिक प्रिय पुत्र श्रीराम को वनवास भेजने का वचन मांग लिया. श्रीराम को वनवास जाना पड़ा. उनके वियोग में दशरथ ने भी प्राण त्याग दिये. उक्त बातें पंडित रविशंकर ठाकुर महाराज ने शनिवार को गोशाला परिसर में श्रीराम कथा के आठवें दिन प्रवचन करते हुए कही. राम वन गमन प्रसंग की कथा सुनकर श्रद्धालु भावुक हो उठे. आगे पंडित रविशंकर ठाकुर ने कहा कि भरत राम को लाने चित्रकूट गये परंतु भगवान श्रीराम ने पिता के वचन का पालन करते हुए राजगद्दी पर बैठना उचित नहीं समझा. आयोजन में संरक्षक विनोद अग्रवाल, विकास बुधिया, राजेश खेतान, चिंटू अग्रवाल, बसंत जैन, हरि खेतान, अलका खेतान, मनीषा अग्रवाल, रजनी बुधिया, खुशबू खेतान और बबीता अग्रवाल शामिल हुए. शबरी की कुटिया में श्रीराम आगमन प्रसंग का हुआ मंचन रामलीला के आठवें दिन श्वेता सुमन द्वारा लिखित व निर्देशित रामलीला में श्रीराम भक्त शबरी की कुटिया में श्रीराम का आगमन, जूठे बेर खाकर ऊंच-नीच की खाई को खत्म करने को प्रदर्शित किया. फिर कलाकारों ने बालि का वध, अशोक वाटिका में माता सीता का व्याकुल होना व हनुमान जी द्वारा मुद्रिका माता सीता को दिखाने जैसे प्रसंग से रामलीला को जीवंत कर दिया. प्रभु राम के रूप में सुदामा पांडे, सीता की भूमिका में श्वेता सुमन, लक्ष्मण की भूमिका में शिवम, हनुमान की भूमिका में आशीष जानी, शबरी की भूमिका में सेजल, रावण की भूमिका में हरे कृष्णा सिंह, मुन्ना, राकेश, सत्यम, प्रतीक्षा, प्राची, श्रेया आदि कलाकारों का योगदान रहा.
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