bhagalpur news. विषहरी पूजा : पूजा स्थानों पर स्थापित कलश का विसर्जन प्रतिमा विसर्जन यात्रा आज
लोकगाथा के अनुसार रविवार को मध्य रात्रि में सती बिहुला की शादी के बाद ही सिंह नक्षत्र का प्रवेश हुआ और पति बाला लखेंद्र की नाग दंश से मौत हो गयी.
लोकगाथा के अनुसार रविवार को मध्य रात्रि में सती बिहुला की शादी के बाद ही सिंह नक्षत्र का प्रवेश हुआ और पति बाला लखेंद्र की नाग दंश से मौत हो गयी. सती बिहुला पति को वापस लाने के लिए चंपा नदी से मंजूषा में सवार होकर मृत्यु लोक चली गयी. जिले के विभिन्न स्थानों पर विषहरी पूजा के दूसरे दिन सोमवार को मेला लगा. शहर के कई स्थानों पर कलश व मंजूषा स्थापित की गयी थी. इसका विसर्जन शहर के विभिन्न गंगा तटों पर किया गया. इससे पहले धूमधाम से कलश शोभायात्रा निकालकर विभिन्न मार्गों से गंगातट तक पहुंचे. विसर्जन मार्ग माता विषहरी व सती बिहुला की जयकारा से गुंजायमान रहा. परंपरा के अनुसार मंजूषा का विसर्जन किया गया. चंपानगर के स्थानीय कार्यकर्ता जगतराम साह कर्णपुरी ने बताया कि विश्वकर्मा द्वारा निर्मित मंजूषा पर सती बिहुला मृत्युलोक चली गयी. लहसन मालाकार ने पूरी घटना को अपने गीत में चित्रित किया, जिसे सभी स्थानों पर गाया गया. विसर्जन मार्ग माता विषहरी व सती बिहुला की जयकारा से गुंजायमान रहा. ———– मंजूषा कला की चित्रकारी किये कलश को लेकर निकली शोभा यात्रा शोभायात्रा में महिलाएं मंजूषा कला की चित्रकारी किये कलश को सिर पर लेकर गंगा तट की ओर चल रही थी. बिहुला-विषहरी के गीत गा रही थी. भगत और अन्य श्रद्धालु नाचते-गाते जा रहे थे. रिफ्यूजी कॉलोनी में 20 प्रतिमा स्थापित की गयी थी. हर स्थान के मंजूषा का विसर्जन हनुमान घाट में किया गया. कलश का विसर्जन कर दिया गया. लोकगाथा के अनुसार सती बिहुला की शादी के बाद ही सिंह नक्षत्र का प्रवेश हुआ और पति बाला लखेंद्र की नाग दंश से मौत हो गयी. सती बिहुला पति को वापस लाने के लिए चंपा नदी से मंजूषा में सवार होकर मृत्यु लोक गयी थी. इसलिए मंजूषा विसर्जन की परंपरा है. सुहाग की रक्षा व परिवार की सुख समृद्धि के लिए महिलाओं ने की पूजा-अर्चना दूसरे दिन भी सभी पूजा स्थलों पर सुहागिन, नवविवाहित एवं भक्त जनों का भीड़ उमड़ी. डलिया चढ़ाने के लिए तांता लगा रहा. सुहाग की रक्षा व परिवार की सुख-समृद्धि के लिए सुहागिनों ने मां विषहरी की पूजा अर्चना की. चंपानगर, ईश्वरनगर-इशाकचक, भीखनपुर गुमटी नंबर एक, गुमटी नंबर दो, दीपनगर, रिफ्यूजी कॉलोनी, बरारी जरलाही, जोगसर, बड़ी खंजरपुर, आदमपुर रानी चंद्रावती अहाता, नया बाजार आदि में लोकगीत गूंजते रहे. केंद्रीय पूजा समिति के पदाधिकारियों ने किया समन्वय स्थापित केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष भोला मंडल, कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार, महामंत्री शशिशंकर राय, संरक्षक भगवान यादव, संगठन महामंत्री शिवकुमार सिंह, उपाध्यक्ष पिंकी बागोरिया, नाथनगर सार्वजनिक पूजा समिति के तरफ से शांति समिति सदस्य भवेश यादव, अशोक राय एवं नेजाहत अंसारी, दिनेश मंडल, श्यामल किशोर मिश्रा, कोषाध्यक्ष बबलू भगत, उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, हेमकांत झा, योगेश नाथ पांडे, कैलाश यादव, नवीन कुमार चिंटू, संजय हरि, मेला प्रभारी छंगुरि शर्मा ने सभी स्थानीय पूजा समिति के पदाधिकारी से समन्वय स्थापित किया. वहां जाकर व्यवस्था का अवलोकन किया.
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