bhagalpur news. हाइकोर्ट ने शिक्षकों को भुगतान नहीं करने के दोषी अधिकारियों का वेतन रोकने का आदेश दिया
टीएमबीयू के चौथे चरण में अंगीभूत कॉलेजों के कुछ शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं होने के मामले में हाइकोर्ट ने दोषी अधिकारियों का वेतन रोकने का आदेश दिया है.
टीएमबीयू के चौथे चरण में अंगीभूत कॉलेजों के कुछ शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं होने के मामले में हाइकोर्ट ने दोषी अधिकारियों का वेतन रोकने का आदेश दिया है. जस्टिस संदीप कुमार की कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा है कि शिक्षकों को भुगतान नहीं करने के दोषी रहे अधिकारियों का वेतन रोका जाये. कोर्ट आदेश में कहा कि वेतन पर रोक शिक्षकों को भुगतान होने तक रहेगी. साथ ही 25 अगस्त 2022 से अबतक संबंधित एसीएस और अन्य सचिव स्तर के अधिकारियों को शोकॉज किया है. उल्लेखनीय है कि टीएमबीयू के संबंधित शिक्षकों को टीएमबीयू ने पूर्व में सेवा से यह कहकर हटा दिया था कि उनकी नियुक्ति गलत है. इसके लिए विवि ने सरकार के शिक्षा विभाग के निर्देश का हवाला दिया था. इससे पहले जनवरी 2022 से मई 2022 तक का भुगतान नहीं किया. हटाये जाने को शिक्षकों ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. हाइकोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया था. इस बाबत सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले पर सिर्फ रोक लगायी थी. इसी आधार पर विवि ने शिक्षकों को सेवामुक्त करने की अधिसूचना जारी कर दी थी. मामले में शिक्षक ने सुप्रीम कोर्ट के शरण में चले गये थे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हाइकोर्ट के ही पाले में डाल दिया था. इसको लेकर शिक्षकों के भुगतान को लेकर सरकार ने कमेटी बना दी. विवि के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने भुगतान के लिए कमेटी बनाने का निर्देश दिया है. इसे लेकर कोर्ट ने नाराजगी जतायी. कोर्ट ने 25 अगस्त 2022 को ही सुनवाई में कहा कि भुगतान का स्पष्ट आदेश दे दिया था. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद होनी है. उधर, टीएमबीयू के रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने कहा कि शेष शिक्षकों को भुगतान कर दिया गया है. केवल अजय कुमार झा का बाकी थे. उनके मामले में शिक्षा विभाग ने हाजिरी की रिपोर्ट मांगी थी. रिपोर्ट विभाग को भेज कर शिक्षक को भुगतान कर दिया गया है.
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