bhagalpur news. पांच एकड़ से अधिक सरकारी जमीन होगी चिह्नित, बनेगा हल्कावार लैंड बैंक
भागलपुर जिले में सरकारी भूमि की खोज कर हल्कावार लैंड बैंक तैयार होगा. जहां 05 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन उपलब्ध है, उसे चिन्हित कर सूचीबद्ध किया जायेगा.
भागलपुर जिले में सरकारी भूमि की खोज कर हल्कावार लैंड बैंक तैयार होगा. जहां 05 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन उपलब्ध है, उसे चिन्हित कर सूचीबद्ध किया जायेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल ने यह निर्देश गुरुवार को समीक्षा भवन में आयोजित बैठक के दौरान दी. उन्होंने गैर मजरूआ आम, गैर मजरूआ खास और कैसरे हिंद जमीन को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित करने के आदेश दिये हैं. इन सभी जमीनों को अमीन के माध्यम से नक्शे में स्पष्ट रूप से मार्क करने को कहा गया है. प्रधान सचिव ने कहा कि इससे यह साफ पता चल सकेगा कि सरकार की जमीन कहां-कहां मौजूद है. चिन्हित भूमि का उपयोग भविष्य की योजनाओं और विकास कार्यों में किया जायेगा. निर्देशों का उद्देश्य सरकारी भूमि पर नियंत्रण मजबूत करना और अवैध कब्जे की पहचान करना है. प्रशासन को इस कार्य को समयबद्ध होकर पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं. बैठक का शुभारंभ प्रधान सचिव एवं डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया. डीएम ने पौधा एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका हार्दिक अभिनंदन किया. बैठक में सहायक समाहर्ता जतिन कुमार, अपर समाहर्ता राजस्व दिनेश राम, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी अजय कुमार, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्त एवं सभी भूमि सुधार उपसमाहर्ता, सभी अंचल अधिकारी, सभी राजस्व अधिकारी उपस्थित थे. दाखिल-खारिज में तेजी, लंबित मामलों का होगा त्वरित निपटारा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव की समीक्षा बैठक में डीएम ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि भागलपुर जिले में दाखिल-खारिज आवेदनों के निष्पादन की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है. वर्तमान में 75 दिन से अधिक पुराने 1716 और 35 दिन से अधिक के 1575 आवेदन लंबित हैं. इन सभी मामलों को अंचलाधिकारी द्वारा दो से तीन दिनों के अंदर निष्पादित कर दिया जायेगा. सरकारी भूमि, म्यूटेशन और डिजिटल भू-अभिलेख पर निर्देश प्रधान सचिव ने बताया कि भूमि बंटवारे के मामलों को 20 दिसंबर से राजस्व महा अभियान के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है. डीसीएलआर और अपर समाहर्ता न्यायालयों में लंबित भूमि मामलों की भी समीक्षा की गयी. सरकारी जमीनों का म्यूटेशन 90 दिनों के अंदर करने का निर्देश एलपीसी, आधार सीडिंग और सरकारी भूमि के दाखिल-खारिज की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया गया कि जिन सरकारी जमीनों का अब तक म्यूटेशन नहीं हुआ है, उनका म्यूटेशन 90 दिनों के अंदर अनिवार्य रूप से पूरा किया जाये. सभी अंचलाधिकारियों को 14 जनवरी 2026 तक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश भी दिया गया. उन्होंने बताया कि नव वर्ष में मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सह उपमुख्यमंत्री द्वारा जन संवाद कार्यक्रम किया जायेगा. इसकी तैयारी सभी अंचल अधिकारी कर लें. वंशावली और भू-अभिलेख होंगे पूरी तरह डिजिटल प्रधान सचिव ने बताया कि शहरी क्षेत्र में वंशावली निर्गत करने का अधिकार अंचलाधिकारी को और ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच को दिया गया है. 01 जनवरी 2026 के बाद सभी प्रकार के भू-अभिलेख केवल डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से ही जारी किये जायेंगे. हस्ताक्षरित कागजी दस्तावेज अब मान्य नहीं होंगे. उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को टीम भावना से कार्य करने और विभाग व सरकार की छवि बनाये रखने का निर्देश दिया. बॉक्स मैटर एससी-एसटी व विधवा के आवेदनों को प्राथमिकता से निपटाने का निर्देश प्रधान सचिव ने स्पष्ट किया कि एससी-एसटी, विधवा एवं गंभीर बीमारी से जुड़े आवेदकों के मामलों को नियमों के अनुरूप प्राथमिकता देते हुए तेज गति से निपटाया जाये. बैठक में परिमार्जन प्लस की समीक्षा के दौरान 5632 मामले अभी शेष पाये गये, जिन्हें शीघ्र निष्पादित करने के निर्देश दिये गये. इसके साथ ही परिमार्जन प्लस लेफ्ट आउट जमाबंदी, इ-मापी, अभियान बसेरा-2, राजस्व अभियान और राजस्व महाअभियान की भी समीक्षा की गयी. निर्देश दिया गया कि नये डिप्लोमा उत्तीर्ण अमीन को पुराने एवं अनुभवी अमीन के साथ सहायक अमीन के रूप में कार्य कराया जाये, ताकि अमानत से जुड़े कार्यों में गुणवत्ता बनी रहे. राजस्व अभियान की समीक्षा में यह भी तय किया गया कि 31 दिसंबर से पहले शत-प्रतिशत दस्तावेजों की स्कैनिंग अनिवार्य रूप से पूरी कर ली जाये.
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