Bhagalpur news गंगा का जलस्तर बढ़ा, चौथी बार बाढ़ से किसान बेहाल
गंगा में एक बार फिर उफान आने से सुलतानगंज प्रखंड के दर्जनों पंचायतों में तबाही का मंजर है.
गंगा में एक बार फिर उफान आने से सुलतानगंज प्रखंड के दर्जनों पंचायतों में तबाही का मंजर है. जिन खेतों में धान की बाली लहरा रही थी, वहां अब मटमैला पानी ठहरा है. मिट्टी की खुशबू अब सड़ांध और कीचड़ में बदल गयी है. पक्के और कच्चे मकान पानी में डूब चुके हैं और ग्रामीण फिर से बेघर होने को मजबूर हो गये हैं. करीब एक महीने पहले आयी बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. हालात धीरे-धीरे सामान्य हो ही रहे थे कि चौथी बार गंगा के बढ़े जलस्तर ने सबकुछ फिर से बिगाड़ दिया. सबसे ज्यादा परेशानी मवेशी पालकों को हो रही है, जो अपने पशुओं को ऊंचे स्थानों पर रुखा-सूखा खिला कर किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं. रविवार को गंगा का जलस्तर खतरनाक स्थिति के करीब पहुंच गया. नदी का पानी दियारा और चानन क्षेत्र में घुस गया है, जिससे खेतों में खड़ी धान और मक्का की फसल पूरी तरह डूब चुकी हैं. चारे की कमी और जलभराव से पशुपालकों की चिंता बढ़ गयी है. निचले इलाकों में बसे कई परिवारों के घरों में पानी घुस चुका है. लोग अपने सामान और मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की जद्दोजहद में लगे हैं. बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित निकालने में दिक्कत हो रही है. कई गांवों में नाव ही आवाजाही का एकमात्र साधन बन गयी है. विद्यालय और सार्वजनिक स्थल जलमग्न हो गये हैं. दियारा क्षेत्र के किसानों का कहना है कि हर साल बाढ़ से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है. मेहनत से तैयार की गयी फसल बर्बाद हो जाती हैं और पशुओं के लिए चारा जुटाना मुश्किल हो जाता है. ग्रामीणों ने प्रशासन से राहत, पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने और प्रभावित इलाकों में नाव व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है.
गंगा के जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में बाढ़, 12 पंचायतें प्रभावित
कहलगांव गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से निचले इलाकों के निवासियों में भय का माहौल बन गया है. प्रखंड के लगभग 12 पंचायतें इन दिनों फिर से बाढ़ की चपेट में आ गयी हैं. कुछ पंचायतों में बाढ़ से मार्ग अवरुद्ध हो गये हैं. लोग नाव या पानी में घुस कर अपने गंतव्य तक जा रहे हैं. प्रशस्तडीह पंचायत में नाव के अलावा कोई अन्य विकल्प हीं नहीं है. लोगों के आने-जाने का एकमात्र साधन नाव ही बचा है. कहलगांव के ओगरी में सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. कहलगांव-चायटोला सड़क, बीरबन्ना जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी आ गया है, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी होने लगी है. हालांकि लोग परेशानी के साथ खतरा लेकर आर-पार हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि जलस्तर इसी प्रकार बढ़ता रहा, तो जल्द ही आवागमन बंद हो जायेगा. आधा दर्जन स्कूलों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. मंगलवार से स्कूल खुलेगा, तो बच्चों को परेशानी होगी. हालांकि विभाग की ओर से अभी तक उक्त स्कूलों के खुलने या बंद होने की कोई सूचना नहीं है. कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से 1.19 मीटर ऊपर बह रही है. केंद्रीय जल आयोग कार्यालय कहलगांव के अनुसार रविवार को गंगा का जलस्तर 32.28 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि जलस्तर स्थिर होने की बात भी बतायी गयी.
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