Bhagalpur news कहलगांव-एकचारी में चार घंटे भीषण जाम, यात्री व वाहन चालक परेशान

कहलगांव व एकचारी में रविवार को लगभग चार घंटे तक भीषण जाम लगा रहा. जाम में फंसे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

By JITENDRA TOMAR | August 24, 2025 11:16 PM

कहलगांव व एकचारी में रविवार को लगभग चार घंटे तक भीषण जाम लगा रहा. जाम में फंसे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जाम में फंसे यात्री व चालक भूख व प्यास से परेशान नजर आये. जाम हटाने के लिए एक भी पुलिस न तो कहलगांव में और न ही एकचारी में नजर आयी. लगभग 10 बजे से जाम में फंसे लोग करीब दो बजे राहगीरों की ओर से ही आगे पीछे कर हटवाया जा सका. जाम इतना भयानक था कि लोगोें को पैदल चलने में भी परेशानी हो रही थी. रुक-रुक कर हो रही बारिश ने जाम में फंसे लोगों की परेशानी बढ़ा दी थी. वर्षा से बाइक सवार कच्चे रास्ते से नहीं निकल पा रहे थे. जाम की भीषणता बढ़ती ही जा रही थी. जाम का कारण कहलगांव में शहर के बीचो बीच पेट्रोल पंप के पास बन रही पुलिया और बस स्टैंड के पास बन रही पुलिया है. एकचारी में ऐश गाड़ी व सड़क पर चल रहे ऑटो व टोटो स्टैंड भी है. जाम में फंसे लोगो ने बताया कि जब से रसलपुर थाने का क्षेत्र विस्तार किया गया है तब से एनएच-80 पर जाम आम हो गया है.

हटिया में जाम से लोगों को हो रही परेशानी

पीरपैंती गौशाला के पास हटिया चौक पर जाम से लोगों को काफी परेशानी हुई. एक ट्रक से एक स्कॉर्पियो में टकरा गयी, जिससे कहासुनी होने लगी. मामला बिगड़ने पर स्थानीय लोगों ने बीच बचाव किया, जिससे जाम लग रहा. लोगों को हटिया के दिन जाम से काफी परेशानी होती है, जिससे पिछले दिनों पॉकेटमारी की काफी घटनाएं हुई. लोगों ने हटिया वाले दिन पुलिस होनी चाहिए, ताकि जाम से निजात मिल सके. रोड पर दोनों साइड आगंतुकों की खड़ी बाइक और हटिया की दुकानें जाम को हमेशा बढ़ा देती है.

सफाई कर्मियों ने राहुल गांधी को सौंपा ज्ञापन

सुलतानगंज नप के एनजीओ के सफाई कर्मियों ने अपनी बदहाल स्थिति को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपा. सफाई कर्मी संघ के अध्यक्ष रामधनी यादव के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक सफाई मजदूरों ने बताया कि नगर परिषद में एनजीओ के तहत अस्थायी रूप से काम कर रहे कर्मियों को सरकार से निर्धारित बेहद कम मजदूरी मिल रही है, जिससे परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो गया है. पिछले 20 वर्षों से बिहार में स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लंबे कार्यकाल में भी सफाई कर्मचारियों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ. मुख्य मांग सफाई कर्मियों की स्थायी नियुक्ति, मासिक न्यूनतम वेतन 30,000 रुपये, पक्का आवास की सुविधा, बच्चों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य लाभ, कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर उचित मुआवजा का है. कर्मियों का कहना है कि सरकार उनकी कठिनाइयों पर ध्यान नहीं देती, जबकि वह शहर की स्वच्छता और स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए दिन-रात काम करते हैं. उन्होंने राहुल गांधी से अपनी समस्याओं पर पहल करने और जल्द से जल्द मांगों पर अमल कराने की गुहार लगायी.

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