Exclusive: भागलपुर सदर अस्पताल के सेंटर से खुलासा, कमर और गर्दन दर्द के बढ़ रहे मरीज
Exclusive: भागलपुर सदर अस्पताल में कमर और गर्दन दर्द के मरीज बढ़ रहे है. अगर कोई मरीज इलाज कराना चाहते हैं तो मॉडल अस्पताल में पर्ची कटाकर फिजियोथेरेपी विभाग में करा सकते है.
Exclusive: गौतम वेदपाणि/ भागलपुर. जीवनशैली में बदलाव कमर व गर्दन दर्द के रूप में परिवर्तित हो रहा है. नतीजतन लोगों को इससे निजात पाने के लिए फिजियोथेरेपी विभाग की शरण में आना पड़ रहा है. सदर अस्पताल के विक्टोरिया भवन में शिफ्ट किये गये फिजियोथेरेपी विभाग में इलाज के लिए रोजाना औसतन 25 मरीज पहुंच रहे हैं. इनमें सबसे अधिक कमर व गर्दन दर्द और लकवा के मरीज शामिल हैं. ऐसे मरीज बढ़ ही रहे हैं.
पर्ची कटा कर ले सकते हैं फिजियोथेरेपी का लाभ
इन मरीजों की थेरेपी के लिए एसडब्ल्यूडी, टीइएनएस, एमएस, सीपीएम, ट्रेक्शन, इंफ्रारेड, अल्ट्रा सोनिक व लेजर थेरेपी सिस्टम समेत 22 अत्याधुनिक नयी मशीनें लगायी गयी हैं. सेंटर के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ पंकज कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा मरीज लकवा, कमर व गर्दन दर्द समेत अन्य जोड़ों के दर्द के हैं. वहीं गठिया, साइटिका, सर्वाइकल, आर्थराइटिस, स्लिप डिस्क समेत अन्य बीमारी से ग्रसित मरीजों का इलाज जारी है. चोट, खेलकूद व रोड एक्सीडेंट में घायल हुए लोगों का ट्रीटमेंट चल रहा है. सेंटर की क्षमता 70 मरीजों की है. अगर कोई मरीज इलाज कराना चाहते हैं कि मॉडल अस्पताल में पर्ची कटाकर फिजियोथेरेपी विभाग पहुंचे.
इनमें दर्द की सबसे अधिक समस्या
डॉक्टर ने बताया कि घरों में काम करने वाली महिलाएं, कार्यालय में कंप्यूटर पर काम करने वाले कर्मचारी, लगातार बेड पर बैठकर पढ़ाई करने वाले छात्रों में गर्दन व पीठ दर्द की समस्या बढ़ रही है. महिलाओं को किचन व अन्य काम में कई बार झुकना पड़ता है. इससे पीठ, गर्दन व शरीर की अन्य मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती है. वहीं कई बार नसों में खिंचाव आने से परेशानी और बढ़ जाती है.
लंबे समय तक कंप्यूटर व मोबाइल न चलायें
कंप्यूटर पर काम करने व पढ़ाई के दौरान सीटिंग पॉजिशन बेहतर रहना जरूरी है. चिकित्सक का यह भी कहना है कि लगातार एक जगह नहीं बैठना चाहिए. बीच-बीच में कुछ देर के लिए टहलना जरूरी है. फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट में साइड इफेक्ट करने वाली दवाओं का प्रयोग नहीं होता है.
