Bihar News: बिहार में अब फिंगर प्रिंट से होगी अपराधियों की पहचान, तैयार किया जा रहा डाटा

मेट्रो सिटी में हो रही पुलिसिंग के तर्ज पर अब आपको जल्द ही बिहार राज्य में भी पुलिसिंग देखने को मिलेगी. अब बिहार की पुलिस किसी भी तरह की घटना के होने के बाद घटनास्थल और वहां से बरामद हथियार या अन्य सामान पर मौजूद फिंगर प्रिंट के आधार पर घटना में संलिप्त अपराधियों की पहचान कर ली जायेगी.

By Prabhat Khabar | April 25, 2022 11:47 AM

मेट्रो सिटी में हो रही पुलिसिंग के तर्ज पर अब आपको जल्द ही बिहार राज्य में भी पुलिसिंग देखने को मिलेगी. आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान को लेकर बिहार पुलिस को जल्द ही एक नया और सटीक कार्रवाई करने वाला, नया हथियार मिलने जा रहा है. अब अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटा तैयार किया जा रहा है जिससे अपराधियों की पहचान करने मे आसानी होगी.

सेंट्रल एप में अपलोड किया जायेगा डाटा 

अब बिहार की पुलिस किसी भी तरह की घटना के होने के बाद घटनास्थल और वहां से बरामद हथियार या अन्य सामान पर मौजूद फिंगर प्रिंट के आधार पर घटना में संलिप्त अपराधियों की पहचान कर ली जायेगी. हालांकि यह योजना अभी प्रक्रिया अंतर्गत है. सभी जिलों से मांगे गये डाटा के मिलने के बाद उसे बिहार पुलिस के सेंट्रल एप या वेबसाइट सहित फॉरेंसिक लैब के सिस्टम में अपलोड किया जायेगा.

डाटा एक्सेस केवल पुलिसकर्मियों को 

उपलोडेड डाटा का एक्सेस केवल पुलिसकर्मियों या अधिकृत पदाधिकारियों को ही होगा. इसे लेकर अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) की अंगुलांक ब्यूरो के निदेशक ने भागलपुर रेंज डीआइजी और एसएसपी सहित राज्य के सभी जिलों को पत्र भेज कर इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

Also Read: BPSC Prelims Admit Card: आज जारी होगा BPSC 67वीं प्रीलिम्स का एडमिट कार्ड, जानें कैसे करें डाउनलोड
फिंगर प्रिंट रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का निर्देश

पुलिस मुख्यालय से मिले पत्र के आलोक में कार्रवाई करते हुए भागलपुर एसएसपी ने भागलपुर पुलिस जिला के सभी थानाध्यक्षों और ओपी प्रभारियों को आपराधिक मामलों में गिरफ्तार होने वाले अपराधियों और जेल में सजा काट रहे सजायाफ्ता अपराधियों के फिंगर प्रिंट रिकॉर्ड स्लिप तैयार कर राज्य अंगुलांक ब्यूरो को ससमय उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

थानों में बायोमेट्रिक मशीन

जिला पुलिस के सभी थानों में बायोमेट्रिक मशीन भी उपलब्ध करायी जायेगी. जेल में बंद सजायाफ्ता कैदियों का फिंगर रिकॉर्ड करने के लिए भी अलग से टीम बना कर उन्हें लगाया जायेगा. पुलिस को जल्द ही रेटिना स्कैनर और फेस रिकॉग्निशन सिस्टम को भी लागू किये जाने की संभावना है.

Next Article

Exit mobile version