सुबह उठकर अमृता ने मांगी चाय, परिजनों के कमरे से जाने के बाद कर ली आत्महत्या

सुबह उठकर अमृता ने मांगी चाय, परिजनों के कमरे से जाने के बाद कर ली आत्महत्या

By Prabhat Khabar | April 29, 2024 11:19 PM

घटना के दिन पत्रकारों को जानकारी नहीं देने की कही थी बात, दो दिन बाद पत्रकारों को बुला कर दी घटना की जानकारी – अमृता की बहन बेटी ने दिया मुखाग्नि, कर रही सारे कर्म-कांड भागलपुर. घटना के दिन परिवार के लोगों द्वारा किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार करने के दो दिन बाद अब भोजपुरी एक्ट्रेस अमृता पांडेय के परिजनों ने पत्रकारों को बुलाकर विस्तृत जानकारी दी है. सोमवार को परिजनों ने घटनास्थल आदमपुर जहाज घाट रोड स्थित दिव्यधाम अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 104 में प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने घटना को आत्महत्या बताया है. साथ ही उन्होंने घटना के दिन सहित आत्महत्या के कारणों के बारे में जानकारी दी. प्रेस वार्ता के दौरान मृतका अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की मां मणिका पांडेय, बड़ी बहन कुमारी स्वाति, पति चंद्रमणि झांगरे, बहनोई कुणाल सहित मृतका को मुखाग्नि देने और श्राद्ध कर्म करने वाली बहन बेटी इशिका मौजूद थी. इशिका ही सारे कर्मकांड भी कर रही है. परिजनों ने बताया कि अमृता के आत्महत्या का कारण उसकी बीमारी ओसीडी यानी ऑबसेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर था. वह उक्त बीमारी से बुरी तरह से ग्रसित थी. उसने दो बार पूर्व में भी आत्महत्या का प्रयास किया था. बीमारी के कारण की जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि मुंबई के मलाड में किराये पर फ्लैट लेने के दौरान एक दिन सेप्टिक टैंक का गंदा पानी घर में भर गया था. इसके बाद उसे गंदगी से चिढ़ हो गयी थी. धीरे-धीरे इस चिढ़ ने बीमारी का रूप ले लिया. लगातार बीमार रहने और लगातार चल रही दवाओं की वजह से थाइरॉइड से भी ग्रसित होने की वजह से अमृता आ रहे फिल्मों के प्रोजेक्ट को रिजेक्ट कर देती थी या फिर कास्ट में हिस्सा लेने नहीं जाती थी. और धीरे धीरे कर वह डिप्रेशन में चली गयी. घटना के दिन सुबह करीब 12 बजे उठकर अमृता अपने कमरे से बाहर आयी और उसने घर में काम करने वाली बाई से चाय मांगा. अमृता को चाय कप-सॉसर में पीना पसंद था पर बाई ने चाय स्टील के ग्लास में दे दिया था. परिवार के लोगों की जब इस पर नजर पड़ी तो उन्होंने कप में चाय देने की भी बात कही पर उसने मना कर दिया. इसके बाद परिवार के लोग इधर उधर चले गये. दोपहर करीब 3 बजे जब उन्होंने अमृता के कमरे को खोला तो अमृता पंखे में लगे फंदे से लटकी हुई मिली. उस वक्त कमरा खुला हुआ था. अमृता ने फंदा बनाने के लिए जिस साड़ी का इस्तेमाल किया वह उसकी मां की थी और उनकी अलमारी में रखी थी. अमृता ने मां के कमरे से कब साड़ी निकाला इसकी किसी को भी भनक तक नहीं लगी. परिवार के लोगों ने रांची में किसी मामले से कनेक्शन या पारिवारिक या संपत्ति विवाद की किसी भी तरह की बात होने से साफ इनकार किया है.

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