Bhagalpur Industrial Corridor: विवाद समाप्त, भागलपुर में यहीं बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, विभाग को भेजा गया प्रस्ताव

Bhagalpur Industrial Corridor: भागलपुर में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनने का रास्ता साफ़ हो गया है. इसके लिए जमीन का प्रस्ताव संबंधित विभाग के आयुक्त को भेज दिया गया है.

By Paritosh Shahi | June 2, 2025 8:08 PM

Bhagalpur Industrial Corridor: भागलपुर में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (औद्योगिक गलियारा) स्थापित करने के लिए जमीन का विवाद समाप्त हो गया. गोशाला की गोराडीह स्थित जमीन पर ही इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण होगा. इसके लिए जमीन ट्रांसफर करने का प्रस्ताव सोमवार को जिलाधिकारी ने प्रमंडलीय आयुक्त को भेज दिया, ताकि राजस्व व भूमि सुधार विभाग से स्वीकृति प्राप्त कर ली जाये. प्रस्ताव की कॉपी राजस्व व भूमि सुधार विभाग व उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजी गयी है.

मुख्यमंत्री ने एक फरवरी को की थी घोषणा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गत एक फरवरी को प्रगति यात्रा पर भागलपुर आये थे. इस दौरान उन्होंने कई घोषणाएं की थी. इसमें इंडस्ट्रियल कॉरिडोर निर्माण की घोषणा भी शामिल थी. इसके बाद गोराडीह में गोशाला की जमीन चिह्नित कर 17.02.2025 को जिलाधिकारी ने प्रमंडलीय आयुक्त को प्रस्ताव भेजा था. इसके बाद आयुक्त के सचिव ने 18.02.2025 को राजस्व व भूमि सुधार विभाग को उपलब्ध कराया था.

इस क्रम में गोराडीह सीओ ने उक्त भूमि पर कई रैयतों की अवैध जमाबंदी होने की सूचना जिला प्रशासन को दी. इसके बाद प्रस्ताव पर रोक लगाने का अनुरोध विभाग से किया गया. अनुरोध पाकर राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने 28.03.2025 को त्रुटि निराकरण के लिए अभिलेख वापस कर दी. फिर त्रुटि का निराकरण कर अब फिर से प्रस्ताव भेजा गया है.

96 एकड़ 89 डिसमिल जमीन चिह्नित

इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 96 एकड़ 89 डिसमिल जमीन चिह्नित की गयी है. यह ट्रस्टियन गोशाला के नाम से दर्ज है. अवैध जमाबंदी की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल ने रिपोर्ट दे दी है कि जमीन के भू-धारक श्री गोशाला के नाम से है, यानी भूमि बिहार सरकार की है. भूमि भू-दान, भू-हदबंदी, सैरात, देवस्थान, कब्रिस्तान, जल स्त्रोत, धोबी घाट, कुम्हार घाट आदि से मुक्त है. अतिक्रमण व न्यायिक विवाद से भी मुक्त है.

बिहार की ताजा खबरों के लिए क्लिक करें

आर्थिक रूप से होगा भागलपुर का विकास

वर्तमान में बरारी इंडस्ट्रियल एरिया (बियाडा) है, लेकिन अब यहां इतनी जमीन नहीं बची है कि नये उद्योगों की स्थापना की जा सके. इससे औद्योगीकरण की प्रगति में अवरोध उत्पन्न हो रहा है. सरकार के नये इंडस्ट्रियल एरिया की स्थापना के इस निर्णय से नये-नये उद्योग स्थापित होंगे. रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ इलाका आर्थिक तौर पर समृद्ध भी होगा. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रोजगार सृजन के लिए औद्योगीकरण की गति तीव्र की जानी जरूरी है.

इसे भी पढ़ें: जमीन मालिकों को मिली बड़ी राहत, अब ये 5 काम होंगे सिर्फ एक कॉल पर, 3 जून से होगा शुरू