पिता की गोद में बैठा था बच्चा, मलबे के नीचे तड़प-तड़पकर थम गयी सांसें

पिता की गोद में बैठा था बच्चा, मलबे के नीचे तड़प-तड़पकर थम गयी सांसें, रेस्क्यू के दौरान जेसीबी की चोट से लव रविदास का टूटा बायां पैर, दायें में भी आयी खरोंच

By Prabhat Khabar | April 30, 2024 9:11 PM

– घोघा के आमापुर में बारात जा रहे स्कार्पियो पर पलट गया था गिट्टी लदा ओवरलोडेड हाइवा

– रेस्क्यू के दौरान जेसीबी की चोट से लव रविदास का टूटा बायां पैर, दायें में भी आयी खरोंच

वरीय संवाददाता, भागलपुर

घोघा के आमापुर में सोमवार देररात बारात जा रही जिस स्कार्पियो पर गिट्टी लदा ओवर लोडेड हाइवा पलटा था, उसकी पिछली सीट पर लव रविदास की गोद में उसका बेटा अमित बैठा हुआ था. गिट्टी के मलबे व वाहन के बोझ से दबे बेटे की तड़प तड़पकर जान चली गयी. वहीं पिता को दो घंटे बाद मलबे से बाहर निकालकर इलाज के लिए मायागंज अस्पताल में भर्ती किया गया. स्कार्पियो में नौ लोग बैठे थे. इनमें से छह की मौत हो गयी है. वहीं लव रविदास व महेश दास समेत तीन लोग बच गये है. मंगलवार को मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती लव रविदास के दायें पैर पर प्लास्टर लगा हुआ था. वहीं बायां पैर भी गंभीर रूप से जख्मी था. बेटे की मौत से आहत व आंखों में आंसू लिये घायल लव ने बताया कि बेटे की बजाय मेरी मौत हो जाती तो अच्छा होता. उन्होंने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का रहने वाला है. अपने रिश्तेदार के घर शादी में शामिल होने के लिए मुंगेर जिला के खड़गपुर के गोरिया टोला गांव आया था. अब उसके दो बच्चे एक बेटा व एक बेटी बच गये हैं.

जेसीबी से टूटा घायल का पैर : घायल लव रविदास ने बताया कि जब हमें निकाला जा रहा था. तब जेसीबी की तेज ठोकर अचानक उसके पैर पर लगी थी. चोट के कारण ही उसके पैर की हड्डी टूट गयी है. दूसरे पैर में भी जेसीबी की नोंक से खरोंच आ गयी है. उन्होंने बताया कि मेरे आंख के सामने हाइवा ट्रक मेरे गाड़ी पर पलटा. साइड से निकलने के क्रम में वह काफी झुक गया था. देखते देखते यह पलट गया.

कुछ गाड़ी लोदीपुर होकर, तो कुछ सबौर रोड की तरफ निकला : घायलों का इलाज करा रहे परिजनों ने बताया कि हवेली खड़गपुर से आने के दौरान भागलपुर पहुंचने के बाद कई बाराती वाहन लोदीपुर व अगरपुर होकर कहलगांव व पीरपैंती की ओर निकला था. वहीं तीन चार वाहन सबौर रोड होकर पीरपैंती जाने लगा. अगर सभी गाड़ी साथ होकर लोदीपुर होकर निकलते तो यह हादसा शायद नहीं होता. और खुशियों के पल में परिवार में मातम का माहौल नहीं रहता.

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