Bhagalpur news राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी में अन्नकूट उत्सव
कहलगांव शहर के चौधरी टोला स्थित प्राचीन राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी में धूमधाम से अन्नकूट उत्सव मनाया गया.
कहलगांव शहर के चौधरी टोला स्थित प्राचीन राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी में धूमधाम से अन्नकूट उत्सव मनाया गया. मंदिर परिसर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है. ठाकुरबाड़ी के सेवायत सह प्रबंधक पंडित बालकृष्ण पांडेय ने पूरे विधि विधान से श्रीकृष्ण जी का पूजन व आरती कर भोग लगाया गया.उन्होंने बताया कि अन्नकूट उत्सव दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाने वाला एक हिंदू उत्सव हैं. जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार बारिश से बचाने के लिए सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी अंगुली पर उठा कर रखा और गोप-गोपिकाएं उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे. सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भंडारा कार्यक्रम हुआ, जिसमे पवन खेतान, अंकुर खेतान, श्याम बिहारी टीबरेवाल, लल्लू रुंगटा, हेमंत अग्रवाल, चंदन नाथ चौधरी, पुष्पा चौधरी, रंजन झा, तनुष, अविकास, अमिता कुमारी और मनीष पांडेय सक्रिय रूप से शामिल रहे.
श्रद्धा के साथ की गयी अन्नकूट पूजा
सुलतानगंज नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को अन्नकूट पूजा बआस्था और श्रद्धा के साथ की गयी. सभी मंदिरों में विशेष व्यंजनों का भोग लगाया गया तथा श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया. सुबह से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. जगह-जगह भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की. श्रद्धालुओं ने बताया कि यह पर्व अन्न का महत्व और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का प्रतीक है. अन्नकूट उत्सव को लेकर मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था. दिनभर भक्ति गीतों और प्रसाद वितरण का क्रम चलता रहा.राम जानकी ठाकुरबाड़ी में अन्नकूट पर्व मनाया
बिहपुर राम जानकी ठाकुरबाड़ी में बुधवार को अन्नकूट पर्व धूमधाम से मनाया गया. मंदिर परिसर भक्तों से भरा रहा. महंत नवल किशोर दास के नेतृत्व में विशेष पूजा-अर्चना कर राम दरबार में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमानजी को छप्पन प्रकार के भोग अर्पित किये गये. मंदिर को आकर्षक फूलों, रंग-बिरंगी झालरों और दीपों से सजाया गया था. पूजा-अर्चना के उपरांत प्रसाद वितरण हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. भक्तों ने भगवान से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की. महंत नवल किशोर दास ने कहा कि अन्नकूट पर्व अन्न और प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
