त्वरित और सुलभ न्याय के लिए भागलपुर में जरूरी है उच्च न्यायालय का खंडपीठ

भागलपुर में उच्च न्यायालय के खंडपीठ की जरुरत.

By KALI KINKER MISHRA | December 27, 2025 10:27 PM

– तीन दशक से अधिक समय से संघर्षरत हैं अधिवक्ता

भागलपुर सहित आसपास के न्यायविदों का मानना है कि उच्च न्यायालय के खंडपीठ यहां के लोगों की जरूरत है. मालूम हो कि भागलपुर के न्यायविद इस मांग को लेकर तीन दशक से अधिक समय से संघर्षरत हैं. सर्वप्रथम जिला विधिज्ञ संघ भागलपुर ने ही इस मांग को लेकर संघर्ष समिति बनायी और आंदोलन की शुरूआत की. फिर 1993 में युवा अधिवक्ता संघ के बैनर तले भी इस मांग को लेकर निरंतर संघर्ष किया. वर्तमान में भी इस मांग को लेकर अधिवक्ताओं का एक दल निरंतर धरना पर बैठ रहे हैं. न्यायविदों का कहना है कि मध्य बिहार समेत भागलपुर, कोसी, सीमांचल के लोगों के लिए भागलपुर में उच्च न्यायालय के खंडपीठ की स्थापना बेहद जरूरी है. इससे 15 जिलों के लोगों के लिए सुलभ और त्वरित न्याय पाने में सुविधा मिलेगी.

उच्च न्यायालय खंडपीठ के फायदे

1. लोगों को पटना जाने की जरूरत नहीं होगी.

2. समय और पैसे की बचत होगी.

3. त्वरित सुनवाई की भी बनेगी प्रबल संभावना.

4. यहां रह कर भी अधिवक्ता कर सकेंगे हाईकोर्ट की प्रैक्टिस.

5. सबसे बड़ी बात – त्वरित और सुलभ न्याय की राह होगी आसान

क्या कहते हैं न्याय क्षेत्र से जुड़े लोग

1.

खंडपीठ की स्थापना हो जाने के बाद लोगों के पैसों और समय की बचत होगी और लोग सुलभ और आसान न्याय प्राप्त कर सकेंगे.

मुकेश कुमार, अधिवक्ता, हाईकोर्ट (पैतृक गांव सैदपुर, नवगछिया)

2. हाईकोर्ट के खंडपीठ की स्थापना होने के बाद सिर्फ भागलपुर के साथ कोसी और सीमांचल के लोगों को भी फायदा होगा.

रितेश कुमार सिंह, अधिवक्ता, उच्च न्यायालय.

3. लंबे समय से हाईकोर्ट की मांग को लेकर मुखर हैं. मांग से सक्षम लोगों को अवगत करया है. उम्मीद है जल्द ही व्यवस्था से जुड़े लोग इस मांग पर ध्यान देंगे.

चंदन कर्ण, सहायक सचिव, जिला विधिज्ञ संघ, भागलपुर.

4. संविधान का उद्देश्य सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय है. इसे पूरा करने के लिए यहां खंडपीठ की स्थापना होनी चाहिए. इससे गरीब लोगों के लिए न्याय आसान हो जायेगा.

ओमप्रकाश तिवारी, जिला संयोजक, विधि प्रकेाष्ठ, भाजपा.

5. खंडपीठ की मांग को लेकर रोज धरना देकर सक्षम लोगों तक बात पहुंचा रहे हैं. जब तक मांग मान नहीं ली जाती है तब तक संघर्षरत रहेंगे.

मुकेश कुमार ठाकुर, अधिवक्ता, भागलपुर.

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