एक जेसीबी के भरोसे शुरू किया काम, दिनभर गिरते-पड़ते रहे लोग
भागलपुर : जीरोमाइल से झुरखुरिया मोड़ की दूरी लगभग आधा किमी और झुरखुरिया मोड़ से इंजीनियरिंग कॉलेज की दूरी एक किमी है. इन डेढ़ किमी की एनएच 80 की सड़क में लंबे समय से जगह-जगह गहरे गड्ढे हैं. इन गड्ढों में बारिश का पानी भरने से चलना मुश्किल हो गया है. इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों […]
भागलपुर : जीरोमाइल से झुरखुरिया मोड़ की दूरी लगभग आधा किमी और झुरखुरिया मोड़ से इंजीनियरिंग कॉलेज की दूरी एक किमी है. इन डेढ़ किमी की एनएच 80 की सड़क में लंबे समय से जगह-जगह गहरे गड्ढे हैं. इन गड्ढों में बारिश का पानी भरने से चलना मुश्किल हो गया है. इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने जब आंदोलन किया तो, इसके ठीक दूसरे दिन रविवार को एनएच विभाग ने ठेकेदार पर दबाव बनाया और काम शुरू कराया गया. मगर, एक जेसीबी के भरोसे ही काम होता रहा. इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ा.
मैनपावर और संसाधन के अभाव में जो काम हुआ उससे एनएच की हालात और बिगड़ गयी. पत्थर, मोरंग व डस्ट मिला मेटेरियल जैसे-तैसे डालने से गड्ढे तो भरे नहीं, बल्कि अव्यवस्थित रहने से गाड़ियां फंसने और पलटने लगीं. सड़क को मेटरेबुल करने की कोशिश नाकाम रही. विभाग सिर्फ आइवॉश में जुटी है. पानी से भरे गड्ढे इतने गहरे थे कि, इसमें ऑटो तक डूब जा रहा था.
मोटरसाइकिल तो पार करने की कोशिश में पलट जा रहा था और लोग चोटिल हो रहे थे. पहले से ही आधा दर्जन लोडेड ट्रक फंसने से पूरे दिन जाम की स्थिति बनी ही थी, वहीं बारिश के बाद शाम में आधा किमी तक सड़क जब डूब गयी, तो रोड लगभग बंद हो गया.
नजर आ रहे सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे, ढूंढनी पड़ रही है सड़क: भैया कहा जा रहे हो, उधर से नहीं इधर से जाओ, नहीं तो डूब जाओगे. देख नहीं रहे कितना बड़ा तालाब है. फंसने पर पांच मिनट में पहुंचने की जगह एक घंटा लग जायेगा. ये सड़क बारिश के कारण बह गयी है. इस रोड पर गड्ढे तो नहीं है, लेकिन गड्ढों में सड़क जरूर है. कुछ इस तरह की बातें पूरे दिन सुनाई देती रही.
सड़क पर बने कई फिट गहरे गड्ढों से होकर गुजरना जोखिम भरा साबित हो रहा है. पानी की निकासी की व्यवस्था न किये जाने और छोटे-बड़े टीले से पानी सड़क पर भरा है.
डीएम से मिलेंगे इंजीनियरिंग के छात्र
इंजीनियरिंग कॉलेज के फाइनल इयर के छात्र उज्जवल कुमार ने बताया कि, एनएच विभाग से सात दिन का आश्वासन मिला है. इन सात दिनों में अगर सड़क चलने लायक नहीं बनी तो वह डीएम से मिलेंगे. उन्हें पहले से ही लिखित देकर सड़क बनाने की मांग कर चुके हैं. डीएम से मिलने के बाद किस तरह का एक्शन लिया जाता है, वह देख लेंगे. इसके बाद एनएच दफ्तर का घेराव करेंगे. वहीं छात्र तौसिफ ने बताया कि, नया सेशन शुरू होने वाला है. दाखिला लेने वाले छात्र नये होंगे.
उन्हें कॉलेज में प्रवेश करने में परेशानी होगी. हमलोग पुराने छात्र हैं, तो यह पता है कि किधर से जायेंगे तो फंसेंगे नहीं. नये छात्र को समस्या होगी. जूनियर छात्र शिवेंद्र कुमार ने बताया कि डीएम से मिलने के बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी. उन्होंने बताया कि क्लास तो छोड़ नहीं सकते हैं. फिर भी आंदोलन जारी रहेगा.
