Bihar News: मुस्लिम धर्म गुरुओं ने लिया बड़ा निर्णय, निकाह में दहेज लेने और लौंडा नाच करने पर होगा सामाजिक बहिष्कार

Bihar News: मुस्लिम धर्म गुरुओं ने बड़ा निर्णय लिया है. निकाह में दहेज लेने और लौंडा नाच करने वालों को सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह निर्णय समाज में सुधार लाने के लिये किया जा रहा है.

By Radheshyam Kushwaha | May 25, 2025 5:34 PM

Bihar News: बिहर के बगहा से बड़ी खबर आ रही है. मस्तान टोल जामे अनवार मस्जिद में रविवार को एक दिवसीय समाज सुधार सम्मेलन हुआ. इसमें जिले के सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं ने शिरकत की. सम्मेलन के सरपरस्त मौलाना जुबैर थे. मुफ्ती गयासुद्दीन कासमी अध्यक्ष और सेक्रेटरी मौलाना समीउल्लाह कासमी बने. मौके पर मुफ्ती ने कहा कि इस्लाम में नाच-गाना, शराब और दहेज हराम है. मुसलमानों को इस तरह की खुराफात से बचना चाहिए.

धर्मगुरुओं ने सर्वसम्मति से लिया निर्णय

मुस्लिम समाज शादी विवाह में नाच गाना और दहेज से बचे और अन्य लोगों को भी इससे बचाने को प्रेरित करें. सरकार ने भी डीजे आर्केस्ट्रा पर रोक लगायी हुई है. हमें सरकार से कदमताल करते हुए आम लोगों को इस तरही की बुराइयों से बचाना चाहिए. सरपरस्त मौलाना जुबैर ने बताया कि सम्मेलन में सभी मस्जिदों के इमाम और मदरसों के जिम्मेदार लोग शामिल हुए. इस दौरान सभी धर्मगुरुओं ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि समाज के जिस घर शादी विवाह में नाच गाना व आर्केस्ट्रा होगा, वहां निकाह पढ़ाने नहीं जायेंगे. जो भी उस घर में निकाह पढ़ाते मिलेगा, उसे कमेटी दंडित करेगी.

इस्लाम में दहेज हराम

यह निर्णय समाज में सुधार लाने के लिये किया जा रहा है. इससे फिजूलखर्ची भी बचेगी. मौलाना जुबेर ने कहा कि इस्लाम में दहेज हराम है. इस्लाम किसी पर भी जुल्म करने की इजाजत नहीं देता. फिजूलखर्ची की इजाजत नहीं देता. इसलिए इन सारी बातों से समाज को बचाना चाहिए. समाज का जो व्यक्ति इस अपील को नहीं मानेगा, उसका मस्जिदों के इमाम तथा मदरसे की जिम्मेदार सामाजिक बहिष्कार कराएं. पूरी कमेटी उनके साथ है. सम्मेलन में मुफ्ती गयासुद्दीन कासमी, मौलाना जुबैर कासमी, समीउल्लाह कासमी, मौलाना खालिद, मौलाना वासिफ बिल्लाह, हाफिज अफजल, मौलाना फुजैल, हाफिज जुनैद, मौलाना बुरहानुद्दीन के साथ सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग उपस्थित थे.

Also Read: Bihar News: इच्छामृत्यु के लिए लिखा गया पत्र भी नहीं आया काम, आखिरकार पिता के कंधे पर उठी बेटे की अर्थी