मछली पालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया गया प्रशिक्षण
ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने व मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय मछली पालन प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया.
बौंसी. ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने व मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय मछली पालन प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रशिक्षण में विशेषज्ञों ने मछली पालन की आधुनिक तकनीक, तालाब प्रबंधन, गुणवत्तापूर्ण बीज चयन, आहार प्रबंधन व रोग नियंत्रण के बारे में विस्तार से जानकारी दी. जानकारी हो कि बिहार सरकार के पशु व मत्स्य विभाग निदेशालय के द्वारा बुधवार को स्थानीय छापोलिका धर्मशाला में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में भारी संख्या में मछली पालकों ने हिस्सा लिया. मौके पर मत्स्य पदाधिकारी मनोज कुमार कुमार ने मछली पालकों को बताया कि मत्स्य पालन न केवल पोषण सुरक्षा में सहायक है, बल्कि ग्रामीण की आय बढ़ाने का भी महत्वपूर्ण साधन बन सकता है. प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को प्रायोगिक जानकारी भी दी गयी ताकि वो अपने गांव में वैज्ञानिक ढंग से मछली पालन कर सकें. सरकार से मिलने वाली सब्सिडी और योजनाओं की जानकारी भी विस्तार पूर्वक बतायी गयी. बताया गया कि इसका लाभ लेने के लिए सबसे पहले पंजीकरण कराना आवश्यक है. मौके पर घरों और होटल में रखने वाले रंगीन मछली पालन के बारे में भी जानकारी दी गयी. बताया गया कि इसके लिए भी सरकार सब्सिडी देती है. ऑनलाइन आवेदन कैसे करें इसके बारे में भी जानकारी दी गयी. इस मौके पर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्वेता, रुकैया, प्रवीण, दीपक कुमार, रामबाबू कुमार, कुमारी रेखा, वार्ड पार्षद विनित कुमार, गुलशन सिंह, मनोज मंडल, शेखर मंडल, मिंटू झा, गुड्डन झा सहित बड़ी संख्या में मत्स्य पालक मौजूद थे.
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