अनमोल मानव जीवन का सदुपयोग ही सबसे बड़ा पुण्य

सुईया थाना अंतर्गत धनुवसार पंचायत के बंदरी गांव में मंगलवार को श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन प्रसंग के साथ ही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन हो गया

By DEEPAK KUMAR CHOUDHARY | November 4, 2025 6:18 PM

श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन प्रसंग के साथ भागवत कथा का समापन कटोरिया. सुईया थाना अंतर्गत धनुवसार पंचायत के बंदरी गांव में मंगलवार को श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन प्रसंग के साथ ही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन हो गया. कथा के समापन सत्र में प्रवचन के दौरान कथावाचक आचार्य संजय पांडेय शास्त्री ने कहा कि अनमोल मानव जीवन का सदुपयोग कर लेना ही सबसे बड़ा पुण्य है. इस जीवन में बहुत कुछ प्राप्त किया जा सकता है, पर सब कुछ देकर भी पुन: यह जीवन दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता. श्रीमद्भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है. सुदामा चरित्र पर व्याख्यान करते हुए कहा कि संसार में मित्रता भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा की तरह होनी चाहिए. आधुनिक युग में लोग स्वार्थ के लिए एक-दूसरे से मित्रता करते हैं. श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र समाज में उंच-नीच व अमीर-गरीब के बीच पनप रही खाई को भरने का समाजशास्त्र है. इस दौरान प्रस्तुत प्रसिद्ध भजन ‘अरे द्वार पालो, कन्हैया से कह दो, दर पे सुदामा गरीब आ गया है, भटकते-भटकते महल के करीब आ गया है’, पर उपस्थित श्रद्धालुओं की आंखें छलछला गई. कथा के दौरान प्रस्तुत श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन की आकर्षक झांकी देख श्रद्धालु भावविभोर हो गए. बंदरी गांव में श्रद्धालु हरि यादव व उनकी धर्मपत्नी शकुंतला देवी के सौजन्य से आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के समापन पर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण के उपरांत भंडारा का भी आयोजन हुआ. पूजन कार्य में नित्यानंद मिश्र व ईश्वर चंद शास्त्री ने सहयोग किया. आयोजन को सफल बनाने में श्रद्धालु दीपलाल यादव, रमेश यादव, राजेंद्र यादव, प्रदीप यादव, नीतीश, चिरंजीव, आदित्य अभिराज आदि ने अहम भूमिका निभाई.

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