चैत माह में ही चापाकल तोड़ने लगा दम
मार्च माह में थोड़ी सी गर्मी क्या पड़ी की रजौन प्रखंड क्षेत्र के चापाकल ने दम तोड़ना शुरू कर दिया.
बांका/रजौन. मार्च माह में थोड़ी सी गर्मी क्या पड़ी की रजौन प्रखंड क्षेत्र के चापाकल ने दम तोड़ना शुरू कर दिया. जब चैत्र माह में यह आलम है तो जेठ और आषाढ़ में पेयजल की क्या स्थिति होगी इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है. सूबे की सरकार सरकारी चापाकल के साथ-साथ हर घर जल का नल योजना से आम लोगों की प्यास बुझाने की जुगत में है. प्रखंड क्षेत्र में पीएचइडी का चापाकल प्राय: बीमार ही है. समय-समय पर पीएचइडी चापाकलों की मरम्मती होने पर ही वह हम लोगों के सुखते हलक की प्यास बुझा सकता है. वर्तमान समय में रजौन प्रखंड क्षेत्र में पीएचईडी के दर्जनों चापाकल बीमार पड़े हुए है. बात करें अगर रजौन बाजार की तो यहां एक अदद चापाकल को छोड़कर शेष ठीक नहीं है. इसी प्रकार पुनसिया बाजार में भी पीएचईडी का चापाकल बीमार है. सरकारी विद्यालयों में बच्चों की प्यास बुझाने के लिए कहने को तो दो से तीन चापाकल हैं, लेकिन इन चापाकलों में से एक आध चापाकल ही कारगर है. प्रखंड क्षेत्र में बाजार क्षेत्र के अलावा पिपराडीह, धौनी, बनगांव, सोहानी, तिलकपुर, बामदेव सहित दर्जनों जगहों के चापाकल खराब पड़े हुए है और इस ओर विभाग का ध्यान नहीं पहुंच पाया है.
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