पंच तीर्थ यात्रा के दौरान जैन साध्वियों का दल पहुंचा मंदार
मंदार पर्वत शिखर स्थित 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी की तप, कैवल्य ज्ञान व निर्वाण स्थली पर भगवान के चरण के समक्ष ध्यान साधना किया.
बौंसी. धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है मंदार क्षेत्र में बुधवार को जैन साध्वियों का दल पहुंचा. 50 साध्वियों के दल में समाधिस्थ संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज की शिष्या आर्यिका 105 गुरुमति माता जी, आर्यिका 105 गुणमति माता जी, आर्यिका 105 दृढ़मति माता जी सहित 50 जैन साध्वी और 200 भक्तों का दल मुख्य रूप से शामिल है. जहां उन्होंने मंदार पर्वत शिखर स्थित 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी की तप, कैवल्य ज्ञान व निर्वाण स्थली पर भगवान के चरण के समक्ष ध्यान साधना किया. मंदार पहुंचते ही जैन साध्वियों के दल का श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया. साध्वियों ने स्थानीय जैन मन्दिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की तथा उपस्थित भक्तों को धर्म-उपदेश दिया. साध्वियों ने अहिंसा, सत्य और संयम के पथ पर चलने का संदेश देते हुए बताया कि धर्म का पालन जीवन को शांति और संतुलन प्रदान करता है. उनके आगमन से क्षेत्र में धार्मिक माहौल और उत्साह देखने को मिला. क्षेत्र प्रबंधक पवन जैन ने बताया कि जैन साध्वियों का दल बुधवार की रात्रि विश्राम पर्वत तलहटी जैन मंदिर में कर गुरुवार को भगवान वासुपूज्य की जन्म स्थली चम्पापुर भागलपुर के लिए प्रस्थान करेगी. मालूम हो कि इस पदयात्रा का उद्देश्य जैन धर्म, अहिंसा, साधना और शांति-संदेश को जन-जन तक पहुंचना है. इस मौके पर भारी संख्या में जैन श्रद्धालु मौजूद थे.
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