बिहटा-अनुग्रह नारायण रोड रेल लाइन का काम होगा शुरू

खुशखबरी: 3606 करोड़ रुपये की मिली स्वीकृति, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना की दी हरी झंडी, 117 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन से बिहटा-अनुग्रह नारायण रोड के बीच मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी

By SUJIT KUMAR | September 30, 2025 6:48 PM

खुशखबरी: 3606 करोड़ रुपये की मिली स्वीकृति, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना की दी हरी झंडी 117 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन से बिहटा-अनुग्रह नारायण रोड के बीच मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी औरंगाबाद कार्यालय. औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद और पटना यानी चार जिलों के लाखों लोगों की रेल सुविधा की उम्मीदों को आखिरकार पंख लग गया है. केंद्र सरकार ने बिहटा-अनुग्रह नारायण रोड रेल लाइन परियोजना को हरी झंडी दे दी है. बड़ी बात यह है कि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना का कार्य प्रारंभ करने के लिए 3606 करोड़ की स्वीकृति प्रदान कर दी है. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चन्द्र ने बताया कि रेल मंत्रालय ने बिहटा-अनुग्रह नारायण रोड नयी लाइन का निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से चालू करने का फैसला लिया है. इसके लिए राशि स्वीकृति के बाद पूर्व मध्य रेल को निर्देश दिया गया है कि परियोजना के लिए समेकित तरीके से कार्य को प्रारंभ किया जाए. ज्ञात हो कि इस परियोजना से मगध एवं शाहाबाद क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी. परियोजना से संबंधित विस्तृत विवरण तैयार कर लिया गया है जिसके अनुसार इस परियोजना के निर्माण पर कुल लागत 3606.42 करोड़ की आयेगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परियोजना पर काम चालू करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान कर दी है. 117 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन से बिहटा-अनुग्रह नारायण रोड के बीच सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी . यहां ध्यान देने बात यह है कि अनुग्रह नारायण रोड से औरंगाबाद के बीच लगभग 13 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है और इस पर कार्य प्रगति पर है. कुल मिलाकर, पटना से अरवल, औरंगाबाद का सीधा रेल संपर्क स्थापित हो जाएगा और इस क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित मांगे पूरी होगी. बिहटा में आरओआर को इस परियोजना के तहत स्वीकृति मिली है जिससे निर्बाध तरीके से इस प्रस्तावित लाइन पर यातायात सुनिश्चित किया जा सकेगा .इस परियोजना के पूर्ण होने से एक ओर जहां इस क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा वहीं दूसरी ओर डीडीयू-पटना-झाझा मेन लाइन और डीडीयू-गया-कोडरमा ग्रैंड कॉर्ड लाइन के मध्य एक और नया वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जायगा. इधर, परियोजना को साकार होने से रेलवे सेवा से वंचित औरंगाबाद और अरवल जिले के लाखों लोग सीधे रेल से जुड़ जायेंगे और उनका आवागमन आसान हो जायेगा. कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिल सकता है. विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने में सहूलियत होगी. ज्ञात हो कि इस परियोजना का शिलान्यास वर्ष 2007 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था. वैसे वर्ष 1980 में आरा के तत्कालीन सांसद चंद्रदेव प्रसाद वर्मा ने रेल परियोजना का मुद्दा उठाया था. यूं कहे कि 45 साल बाद उक्त परियोजना अब मूर्त रूप लेता हुआ दिख रहा है. यह भी ज्ञात हो कि 2016 से इस परियोजना के लिए लगातार धरना-प्रदर्शन का दौर चल रहा है. संबंधित संघर्ष समिति के कई नेता जेल भी जा चुके है.

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