तूल पकड़ता जा रहा प्लस टू कनाप उच्च विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक का चार्ज देने का मामला
प्रखंड के प्लस टू उच्च विद्यालय कनाप का चार्ज देने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है
दाउदनगर. प्रखंड के प्लस टू उच्च विद्यालय कनाप का चार्ज देने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. इस स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक मिथिलेश्वर प्रसाद विष्णु 31 अगस्त को सेवानिवृत हो गये हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्कूल की वरीय शिक्षिका पूनम चौहान को प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार देने का आदेश दिया, लेकिन पेंच फंसा है कि पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक ने पूनम चौहान को अब तक प्रभार नहीं दिया है. उनके द्वारा एक दूसरे शिक्षक को प्रभार दिया गया है. करीब एक महीने से यह मामला चल रहा है. सूत्रों से पता चला कि पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा एक शिक्षक को प्रभार दे दिया गया, जिस पर विद्यालय के किसी वरीय शिक्षक ने आपत्ति जताते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास शिकायत की. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पदस्थापन विवरणी मंगवायी. उनके द्वारा तीन सितंबर को जारी कार्यालय आदेश में कहा गया है कि पदस्थापन विवरणी के समीक्षोपरांत पाया गया कि वरीय शिक्षिका पूनम चौहान हैं. उन्होंने प्राप्त पदस्थापन विवरणी के आधार पर पूनम चौहान उच्च माध्यमिक शिक्षक टीआरइ टू को प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया व पूर्व प्रधान प्रभारी प्रधानाध्यापक को अपने जिम्मे का संपूर्ण प्रभार पूनम चौहान को देने का आदेश दिया. पूनम चौहान का आरोप है कि पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा उन्हें प्रभार देने में आना-कानी की जा रही है. हांलाकि, इस संबंध में पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.
पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बीइओ को लिखा पत्र
जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय आदेश की प्रति के नीचे ही पूर्व प्रधानाध्यापक मिथलेश्वर प्रसाद विष्णु ने 25 सितंबर को बीइओ को लिखे गये पत्र में कहा है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से भेजा गया प्रभार संबंधित छाया प्रति उन्हें प्राप्त हो गयी है. प्रभार संबंधित पत्र की छाया प्रति पर आपके हस्ताक्षर एवं मुहर अंकित नहीं है और न आपके कार्यालय द्वारा पत्र निर्गत पंजी का पत्रांक व दिनांक अंकित है. जिला शिक्षा पदाधिकारी औरंगाबाद का पत्र अब तक उन्हें अप्राप्राप्त है. इसलिए पत्र की छाया प्रति पर विद्यालय का प्रभार सौंपना उचित प्रतीत नहीं होता है. चूंकि, प्रभार देने में वित्तीय संबंधित मामला है और विद्यालय के छात्र कोष व विकास कोष मिलाकर 20 लाख रुपया राशि जमा है, इसलिए वित्तीय अनियमितता होने की संभावना है. पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक ने पत्र में कहा है. इसकी मूल प्रति उन्हें तत्काल उपलब्ध करायी जाये, ताकि वे विद्यालय का संपूर्ण प्रभार पूनम चौहान को अविलंब हस्तगत करा सकें. उन्होंने उसे पत्र के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी औरंगाबाद एवं क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक से भी मार्गदर्शन की मांग करने की बात पत्र में कही है.क्या कहते हैं बीइओ
प्रखंड कल्याण पदाधिकारी सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि पूर्व प्रधानाध्यापक पत्र को रिसीव नहीं कर रहे हैं. उन्होंने पहले लिख कर दे दिया कि वह छाया प्रति को नहीं मानते हैं. फिर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से स्पेशल मैसेंजर के माध्यम से पत्र भेजवाया गया, जो प्रभारी प्रधानाध्यापक के पास है. पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक उस पत्र को रिसीव नहीं कर रहे हैं. उन्हें कई बार कॉल भी किया गया. तरह-तरह की बहानेबाजी की जा रही है. इस संबंध में वे रिपोर्ट बनाकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजने जा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
