वादों के निबटारे के लिए थानाध्यक्षों की भूमिका अहम : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में सभी थाना प्रभारियों के साथ मध्यस्थता राष्ट्र के लिए विषय पर हुई चर्चा
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में सभी थाना प्रभारियों के साथ मध्यस्थता राष्ट्र के लिए विषय पर हुई चर्चा औरंगाबाद शहर. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लाल बिहारी पासवान की अध्यक्षता में सभी थाना प्रभारियों के साथ बैठक की गयी. इस बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव पटेल और अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री संदीप सिंह भी उपस्थित रहे. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा मध्यस्थता विशेष अभियान मध्यस्थता राष्ट्र के लिए विषय पर चर्चा करते हुए कहा गया कि मध्यस्थता विवादों को निबटाने की सरल व निष्पक्ष तथा आधुनिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मध्यस्थ अधिकारी दबाव रहित वातावरण में विभिन्न पक्षों के विवादों का निबटारा करते हैं. दोनों पक्ष अपनी इच्छा से सद्भावनापूर्ण वातावरण में विवाद का समाधान निकालते हैं तथा उसे स्वेच्छा से दोनों पक्ष को सभी दृष्टिकोण से नापते हैं और वह समझौता जो सभी पक्षों को मान्य होता है, उसे अपनाते हैं. इस पद्धति द्वारा विवादों का जल्द से जल्द निपटारा होता है जो खर्चरहित है. इसके लिए औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय एवं दाउदनगर अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में लंबित मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से निस्तारण के लिए 90 दिनों का यह विशेष अभियान है, जिसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए आपसभी की भागीदारी एवं सहयोग आवश्यक है. उन्होंने बताया कि यह अभियान एक जुलाई से प्रारंभ है और लगातार 30 सितंबर तक चलेगा. मध्यस्थता के द्वारा विवाद का अविलंब व शीघ्र समाधान, समय तथा खर्चे की किफायत, न्यायालयों में चक्कर लगाने से राहत, अधिक सरल व सुविधाजनक, विवाद का हमेशा के लिए प्रभावी एवं सर्वमान्य समाधान, समाधान में पक्षों की सहमति को महत्व, अनौपचारिक, निजी तथा पूर्णतः गोपनीय प्रक्रिया, सामाजिक सद्भाव कायम करने में सहायक है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव ने भी सभी थानाध्यक्षों से कहा कि इसके तहत वैवाहिक विवाद मामले, दुर्घटना दावा मामले, घरेलू हिंसा मामले, चेक बाउंस मामले, वाणिज्यिक विवाद मामले, सेवा मामले, आपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद मामले, ऋण वसूली मामले, विभाजन मामले, बेदखली मामले, भूमि अधिग्रहण मामले, अन्य उपयुक्त सिविल मामले का निस्तारण कराया जायेगा जो सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश के आलोक में कराया जा रहा है. बैठक में 13 सितंबर को अयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर थानाध्यक्षों द्वारा उनके स्तर से मामलों को चिह्नित कर अपने-अपने थाना क्षेत्र में लोक अदालत के संबंध में जागरूक कर अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन करवाने के लिए प्रेरित किया गया. बैठक में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संदीप सिंह ने थानाध्यक्षों से कहा कि प्राधिकार ने विभिन्न न्यायालयों में लंबित सुलहनीय वादों की सूची थानावार तैयार कर भेजी गयी है जिसमें आपकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. उक्त मामलों में पक्षकारों से संपर्क स्थापित कर और अपने-अपने क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों, जन प्रतिनधियों के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करें कि उक्त मामलों को खत्म कर भाईचारे तथा प्रेम के वातावरण और विवाद मुक्त समाज बनाने में प्रशासन का सहयोग करें.
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