नो पार्किंग एरिया में खड़े हो रहे यात्री वाहन, प्रशासन मौन

AURANGABAD NEWS.अंबा में प्रशासन की ओर से चिह्नित नो पार्किंग जोन में नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. दरअसल यात्री वाहनों के साथ-साथ निजी वाहन भी धड़ल्ले से नो पार्किंग एरिया में खड़े किये जा रहे हैं.

By SUJIT KUMAR | December 29, 2025 5:08 PM

अंबा में चिह्नित नो पार्किंग जोन में नियमों की खुलेआम उड़ायी जा रही धज्जियां

फोटो नंबर-11- नो पार्किंग जोन में खड़ी बस

प्रतिनिधि, अंबा. अंबा में प्रशासन की ओर से चिह्नित नो पार्किंग जोन में नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. दरअसल यात्री वाहनों के साथ-साथ निजी वाहन भी धड़ल्ले से नो पार्किंग एरिया में खड़े किये जा रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि जिन स्थानों को नो पार्किंग के लिए चिह्नित करते हुए बोर्ड लगाये गये हैं, ठीक उसी बोर्ड के नीचे वाहन खड़े नजर आते हैं. प्रतिबंधित एरिया में वाहन पार्किंग किये जाने से यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है. अंबा बाजार में दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है. हरिहरगंज रोड में जहां नो पार्किंग का बोर्ड लगा हुआ है, उसी स्थान पर यात्री बसों के साथ अन्य वाहन खड़े दिखाई देते हैं. नवीनगर रोड और औरंगाबाद रोड का हाल भी कुछ अलग नहीं है. बता दें कि नो पार्किंग के बोर्ड लगाये हुए महीनों बीत चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर प्रभावी अमल नहीं हो सका है. इससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासन ने केवल औपचारिकता निभाने के लिए ही नो पार्किंग के बोर्ड लगाये हैं.

जाम छुड़ाने में दिनभर लगी रहती है पुलिस

अंबा बाजार की स्थिति यह है कि यहां पूरे दिन सड़क जाम की समस्या बनी रहती है. एक से डेढ़ किलोमीटर के बाजार क्षेत्र को पार करने में वाहन चालकों को आधा घंटा तक का समय लग जाता है. हालांकि पुलिस द्वारा जाम से निपटने का प्रयास किया जाता है. अंबा मुख्य चौक पर पूरे दिन पुलिस जवान तैनात रहते हैं और जाम छुड़ाने में जुटे रहते हैं. कभी-कभी सड़क किनारे वाहन खड़ा करने पर चालान काटकर जुर्माना भी वसूला जाता है, लेकिन ठोस और स्थायी पहल के अभाव में स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस दिशा में सख्त कार्रवाई की मांग की है.

यात्री शेड पर लाखों खर्च, पर उपयोग शून्य

परिवहन विभाग ने अंबा के नवीनगर रोड में बतरे नदी के समीप यात्री शेड का निर्माण कराया है. शेड निर्माण पर लाखों रुपये खर्च किये गये और वहां यात्री वाहनों को खड़ा करने के लिए पर्याप्त जगह भी उपलब्ध है, लेकिन शेड निर्माण के करीब पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी उक्त स्थान पर एक दिन के लिए भी यात्री वाहनों का पड़ाव शुरू नहीं किया गया है. हैरत की बात यह है कि लाखों रुपये की लागत से बने यात्री शेड का कई हिस्सा अब क्षतिग्रस्त हो चुका है और वहां सैलून का संचालन किया जा रहा है. इससे विभागीय कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यात्री शेड का सही उपयोग किया जाता तो बाजार क्षेत्र में जाम की समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती थी.

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