जनजातीय गौरव वर्ष से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा बनेगी मजबूत : इस्लाम
दाउदनगर महाविद्यालय, दाउदनगर के प्रेमचंद सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा जनजातीय गौरव वर्ष के अवसर पर संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया
दाउदनगर महाविद्यालय के प्रेमचंद सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने आयोजित की संगोष्ठी प्रतिनिधि, दाउदनगर दाउदनगर महाविद्यालय, दाउदनगर के प्रेमचंद सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा जनजातीय गौरव वर्ष के अवसर पर संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया. अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो डॉ एमएस इस्लाम ने कहा कि जनजातीय गौरव वर्ष भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और बहुलतावादी समाज की पहचान को मजबूत बनाता है. जनजातीय समुदाय केवल सांस्कृतिक धरोहर के संवाहक नहीं, बल्कि प्रकृति-संरक्षण, सामुदायिक जीवन और सामाजिक समरसता के प्रतीक है. आज पर्यावरण और समाज जिन गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे है, उनसे निबटने के लिए जनजातीय जीवन-दृष्टि और उनके मूल्य हमारे लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं. उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे जनजातीय समाज के इतिहास, संस्कृति और योगदान को गहराई से समझें और उनके संरक्षण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं. मुख्य वक्ता इतिहास विभाग के सहायक प्राचार्य डॉ. इंदु भूषण प्रसाद ने जनजातीय समुदायों की गौरवशाली परंपराओं, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम में उनके अद्वितीय योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हो, टंट्या भील, जैसे जनजातीय नायक न केवल ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह के प्रतीक थे, बल्कि वे अपने समाज की गरिमा और स्वाभिमान के रक्षक भी थे.जनजातीय जीवन मूलतः प्रकृति-केंद्रित, श्रम-सम्मान पर आधारित और सामुदायिक सहयोग की उत्कृष्ट परंपरा वाला जीवन है. ऐसे मूल्य आज की दुनिया में स्थायी विकास के लिए प्रेरक हैं.उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे जनजातीय इतिहास को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रखें, बल्कि उनकी जीवनशैली और संघर्षों से सीख लेते हुए समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आगे बढ़ें. दर्शनशास्त्र विभाग के सहायक प्राचार्य डॉ बरुण कुमार चौबे ने जनजातीय चिंतन को भारतीय दर्शन के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में रेखांकित करते हुए कहा कि जनजातीय समुदायों की प्रकृति-समन्वित जीवनशैली आज के पर्यावरणीय संकट का मूल्यवान समाधान प्रस्तुत करती है. संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. देव प्रकाश ने किया. डॉ सुमित कुमार मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
