सड़क दुर्घटना में लगातार बढ़ रहा मौत का आंकड़ा, 11 माह में 324 लोगों की मौत, 180 घायल
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़कों पर संकेत सूचक बोर्ड लगाने का निर्देश
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़कों पर संकेत सूचक बोर्ड लगाने का निर्देश
औरंगाबाद कार्यालय. औरंगाबाद जिले में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. इस वर्ष जनवरी से नवंबर यानी 11 माह के भीतर सड़क दुर्घटनाओं में 324 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 180 लोग घायल हुए हैं. पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों से तुलना करें तो वर्ष 2025 के आंकड़े भारी पड़ते नजर आ रहे है. आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में 302, वर्ष 2023 में 290 और वर्ष 2024 में 310 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई थी. मंगलवार को इन आंकड़ों को समाहरणालय स्थित योजना भवन के सभागार में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया. बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष सह औरंगाबाद सांसद अभय कुमार सिन्हा ने की. बैठक में गोह विधायक अमरेंद्र कुमार, ओबरा विधायक प्रकाश चंद्र, नवीनगर विधायक चेतन आनंद, कुटुंबा विधायक ललन भुइंया, औरंगाबाद विधायक त्रिविक्रम नारायण सिंह तथा रफीगंज विधायक प्रमोद कुमार सिंह मौजूद थे़ इसके अलावा जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा, उप विकास आयुक्त अनन्या सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी, नगर परिषद अध्यक्ष उदय कुमार गुप्ता, दोनों अनुमंडलों के एसडीओ तथा सड़क सुरक्षा समिति के सभी सदस्य मौजूद थे.स्पीड गन के माध्यम से वाहन जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश
बैठक के दौरान सांसद सह अध्यक्ष ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19, 139 व 120 से संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रत्येक एक से दो किलोमीटर की दूरी पर निर्धारित गति सीमा से संबंधित साइन बोर्ड, संकेतक व रिफ्लेक्टिव टेप अनिवार्य रूप से लगाये जाये. सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने ट्रैफिक उपाधीक्षक को स्पीड गन के माध्यम से वाहन जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. साथ ही गुड सेमेरिटन अवार्ड योजना के संबंध में आमजनों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देशित किया गया. इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 से शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले सभी प्रमुख स्थलों पर पहचान चिह्न (आइडेंटिफिकेशन साइनज) लगाने का भी निर्देश दिया गया.सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान करने का निर्देश
बैठक में सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी. इसमें सड़क सुरक्षा क्रियाकलापों की निगरानी, सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान एवं अध्ययन, एनएच और एसएच सुरक्षा परिषद को सुझाव, ब्लैक स्पॉट की पहचान और सुधार, इंजीनियरिंग उपाय, सड़क सुरक्षा मानकों का कार्यान्वयन, गति सीमा निर्धारण, नेक व्यक्तियों को प्रेरित करने की कार्यनीति तथा सड़क सुरक्षा अभियान को बढ़ावा देने जैसे मुद्दे शामिल रहे. बैठक में हिट एंड रन मुआवजा योजना की प्रगति प्रतिवेदन की भी समीक्षा की गयी. आंकड़ों के अनुसार इस योजना के तहत बिहार में औरंगाबाद जिला 27वें स्थान पर है और अब तक केवल 51 प्रतिशत भुगतान ही दुर्घटना पीड़ितों को किया गया है. इस पर भी अधिकारियों को गंभीरता से समीक्षा करने के निर्देश दिए गए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
