निरीक्षण में बंद मिला परता व देशपुर का एपीएचसी

अनुपस्थित कर्मियों पर कार्रवाई को लेकर जिला के वरीय अधिकारियों को सूचना दी गयी

By SUJIT KUMAR | November 29, 2025 7:06 PM

अनुपस्थित कर्मियों पर कार्रवाई को लेकर जिला के वरीय अधिकारियों को सूचना दी गयी अंबा. स्वास्थ्य विभाग में चाहे जितना भी नये भवन व संसाधन की उपलब्धि गिना ली जाये, परंतु आज भी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा सेवा नदारत दिखती है. ग्रामीण क्षेत्र के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत तो काफी खराब है. अस्पताल में न तो डॉक्टर रहते हैं और नहीं स्वास्थ्य कर्मचारी. ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है. शनिवार को बीडीओ प्रियांशु बसु द्वारा औचक निरीक्षण में कुटुंबा प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देशपुर एवं परता बंद पाया गया. निरीक्षण के दौरान बीडीओ के साथ रोगी कल्याण समिति के सदस्य रामाकांत सिंह भी शामिल थे. बीडीओ ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा दोनों स्वास्थ्य केंद्र अक्सर बंद रहने की शिकायत मिली थी. ग्रामीणों की शिकायत के आलोक में शनिवार को जब स्वास्थ्य केंद्र का जांच किया गया तो बंद पाया गया. उन्होंने बताया कि अनुपस्थित कर्मियों पर कार्रवाई को लेकर जिला के वरीय अधिकारियों को सूचना दी गयी है. ज्ञात हो कि जिले के अन्य अस्पतालों में भी कामावेश यही स्थिति बनी हुई है. कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कझपा की स्थिति भी काफी बदतर है. 22 नवंबर को स्वास्थ्य समिति के सदस्य द्वारा निरीक्षण के दौरान कझपा अस्पताल बंद पाया गया था. हद तो यह है कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा कझपा अस्पताल के कर्मियों का वेतन भी काटा गया है, परंतु इसका उन्हें कोई परवाह नहीं है. वहीं 24 नवंबर को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुंदरगंज में कुव्यवस्था के खिलाफ ग्रामीणों ने ताला जड़कर प्रदर्शन किया था. जिले में स्वास्थ्य विभाग में मनमानी का आलम यह है कि सिविल सर्जन द्वारा दो माह पहले डॉ प्रदीप कुमार पाठक के स्थानांतरण किये जाने के बाद भी नवीनगर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा उन्हें विरमित नहीं किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है