प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर प्रदान करता है संविधान : जिला जज
जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा व्यवहार न्यायालय में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया गया
औरंगाबाद शहर. जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा व्यवहार न्यायालय में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया गया. इसके बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राज कुमार के नेतृत्व में सभी न्यायिक पदाधिकारियों के साथ-साथ अनुग्रह मध्य विद्यालय के बच्चों द्वारा सामूहिक रूप से प्रस्तावना, मौलिक अधिकार व मौलिक कर्तव्य का पाठ किया गया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि आज का दिन हमलोगों के लिए हमेशा खास रहा है, क्योंकि आज ही के दिन देश ने स्वतंत्रता हासिल की थी. जिला जज ने कहा कि चाहे स्वतत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस इस दिवस को सही मामले में तभी साकार किया जा सकता है जब संविधान में उपलब्ध कराये गये समस्त अधिकार आमजन एवं अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्तियों तक पहुंच जाये. इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार की भूमिका हाल के दिनों में बहुत ही महत्वपूर्ण रही है और आगे भी हम सबको और प्रयास करना चाहिए कि लोगों को उनके अधिकार एवं विधिक रूप से जागरूक करते हुए सशक्त बनायें एवं एक ऐसे समाज की स्थापना हो सके जिसमें समस्त व्यक्तियों को समानता एवं सौहार्द के वातावरण में खुशहाल जीवन प्राप्त हो. उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना ही इस बात का द्योतक है कि समाज में सभी को समान अधिकार एवं समान अवसर की परिकल्पना की गयी है और जरूरत इस बात की है कि जो जहां हो सके लोगों को उनके अधिकार के साथ-साथ उनके कर्तव्य की भी जानकारी रहे और भारतीय लोकतंत्र और संविधान अपने उद्देश्यों में पूर्ण रूप से सफल हो. इसी उद्देश्य से संविधान का निर्माताओं ने परिकल्पना की थी. इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल ने सामूहिक रूप से प्रस्तावना, मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य पाठ का पर्यवेक्षण किया. इस सामूहिक पाठ में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय अरुण कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्व विभूति गुप्ता, लक्ष्मीकांत मिश्रा, अशोक कुमार गुप्ता, पंकज पांडेय सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित थे.
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