भगवान और भक्त को जोड़ने का माध्यम है भागवत कथा : कृष्ण प्रपन्नाचार्य
औरंगाबाद शहर के श्रीकृष्ण नगर में आयोजित भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है
औरंगाबाद कार्यालय.
औरंगाबाद शहर के श्रीकृष्ण नगर में आयोजित भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. संध्या समय स्वामी रंगरामानुजाचार्य जी के परम शिष्य कथावाचक श्रीकृष्ण प्रपन्नाचार्य के मुखारविंद से सप्ताह के छठे दिन धर्मानुरागियों ने कथा सुनी. कथावाचक ने कहा कि सत्संग मानवीय मूल्यों का मापने का पैमाना है. श्रीमद्भागवत कथा भगवान और भक्त को जोड़ने का माध्यम है. भागवत साक्षात ईश्वर का रूप है. अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए संस्कृत का ज्ञान आवश्यक है. अंग्रेजी का ज्ञान जरूरी है, लेकिन संस्कृत का ज्ञान भारतीयता की रक्षा के लिए सबको प्राप्त करना चाहिए. ज्ञान और वैराग्य को जगाने के प्रयास के प्रसंग पर बताया कि वर्तमान परिवेश में लोग समस्याओं का समाधान न मिलने पर डिप्रेशन में चले जाते हैं. ईश्वर के नाम का जाप करने से सभी समस्याओं का समाधान निकलता है. भागवत कथा हमें सभी परिस्थितियों में राह दिखाता है. यह ज्ञान, वैराग्य व भक्ति की त्रिवेणी है. इधर, हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का मंत्रमुग्ध होकर रसपान किया. यज्ञ समिति के सदस्यों ने बताया कि दो अक्तूबर तक हरिनाम संकीर्तन होगा. तीन अक्तूबर को विशाल शोभायात्रा के साथ जलाहरन कर श्री महाविष्णु यज्ञ का शुभारंभ होगा, जो विविध विद्वान विदुषियों के प्रवचन, रासलीला होते हुए सात अक्तूबर के विशाल भंडारा के साथ संपन्न होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
