16 दिसंबर के बाद अब फरवरी से बजेगी शहनाई, शुरू हो रहा खरमास
खरमास की शुरुआत तब होती है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं
औरंगाबाद सदर. खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो रही है. यह 14 जनवरी 2026 तक चलेगा. ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश पाठक ने बताया कि खरमास के दौरान सनातन मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, नया व्यवसाय, वाहन या घर खरीदना आदि से परहेज किया जाता है. खरमास की शुरुआत तब होती है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं. इस साल यह 16 दिसंबर को सुबह चार बजकर 27 मिनट पर होगा. इसके साथ ही मांगलिक आयोजनों पर रोक लग जायेगी. वहीं, 14 जनवरी 2026 को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास समाप्त माना जायेगा. उसी दिन मकर संक्रांति मनायी जायेगी. हालांकि, इस बीच धार्मिक कर्मकांड जैसे सूर्य पूजा, दान-पुण्य, व्रत, पाठ, यज्ञ आदि करने में कोई हर्ज नहीं माना जाता, बल्कि इसे पुण्य कार्य के लिए शुभ कहा गया है. बाद अब फरवरी से शादियां, सगाई व अन्य शुभ मुहूर्तों की तैयारियां फिर से शुरू हो जायेगी. रीति-रिवाजों के अनुसार, शादी-विवाह वाले परिवार अब फरवरी महीने में सामाजिक समारोहों की योजना बना सकते हैं. फरवरी से शहनाई फिर से गूंजने लगेगी.
दान पुण्य का समय होता है खरमास
पंडित श्री पाठक बताते हैं कि धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए यह समय साधना, दान-पुण्य और आत्म-निरीक्षण का अवसर है. सामाजिक दृष्टिकोण से खरमास के बाद शादियों का बढ़ना स्थानीय समाज में उत्साह का विषय भी बन जाता है.नववर्ष 2026 में शुभ विवाह मुहूर्त
फरवरी – 5, 6, 8, 10, 12, 14, 19, 20, 21मार्च – 7, 8, 9 ,11, 12अप्रैल -15, 20, 21, 25, 26, 27, 28, 27, 28, 29
मई -1,3 , 5 ,6, 7, 8 , 13, 14जून -21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29
जुलाई -1, 6, 7, 11, 12नवंबर -21, 24, 25, 26
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