कार्य में रुचि नहीं लेने वाले डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई, डीएम ने दिये निर्देश

कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक हुई

By SUDHIR KUMAR SINGH | August 11, 2025 7:23 PM

औरंगाबाद शहर. कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक हुई. अध्यक्षता जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने की. जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो अनवर आलम ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं व योजनाओं के क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी. इस दौरान जिलाधिकारी ने मातृ-शिशु, परिवार कल्याण, नियमित टीकाकरण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, गैर संचारी रोग, संस्थागत प्रसव, अस्पतालों में दवा व डायग्नोस्टिक सेवाओं की उपलब्धता, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के संचालन की समीक्षा की तथा विभिन्न निर्देश दिये गये. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था, आवश्यक दवाओं की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं अस्पताल प्रबंधन को मरीजों की सुविधाओं को ध्यान में रखते सेवा भावना से कार्य करने का निर्देश दिया. साथ ही सिविल सर्जन को सुझाव दिया कि अवैध रूप से संचालित अस्पतालों, क्लिनिकों, अल्ट्रासाउंड केंद्रों एवं जांच केंद्रों के विरुद्ध कार्रवाई की जाये. सभी हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों पर सरकार द्वारा निर्धारित सूची के अनुसार दवा एवं जांच की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. बैठक में सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार के साथ जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला संचारी एवं गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन, सभी उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला लेखा प्रबंधक मो अफरोज हैदर, जिला योजना समन्वयक नागेंद्र कुमार केसरी, डीसीएम आनंद प्रकाश, अनुश्रवण पदाधिकारी अविनाश कुमार, उपेंद्र कुमार चौबे, आरबीएसके के जिला सलाहकार नीलम रानी, सभी अस्पताल एवं स्वास्थ्य प्रबंधक सभी प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, डेवलपमेंट पार्टनर विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ मो नकीब, यूनिसेफ के एसएमसी मो नैयर, यूएनडीपी के वीसीसीएम मो अर्शी खान, पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर विश्वास कुमार, सीथ्री के प्रतिनिधि ब्रजकिशोर मंडल, पीएसआई के प्रोग्राम मैनेजर शैलेश तिवारी एवं अन्य जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे. सदर अस्पताल में रात में भी सिजेरियन ऑपरेशन सुनिश्चित करने, कार्य में रुचि नहीं लेने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई करने, अवैध अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों पर करें नियंत्रण, आशा के चयन के लिए पंचायतवार रोस्टर निर्धारित करने तथा संस्थागत प्रसव में वृद्धि के लिए एएनएम से गर्भवती की ट्रैकिंग कराने से संबंधित निर्देश दिया गया.

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