वर्ष के अंतिम रविवार को त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब
AURANGABAD NEWS.प्रसिद्ध सौर तीर्थस्थल देव में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बावजूद श्रद्धालुओं ने सूर्य मंदिर में आस्था व विश्वास के साथ भगवान का दर्शन पूजन किया. सुबह से ही चारों ओर कोहरा छाया रहा और ठंडी हवाएं भी चलती रही.
दर्शन कर परिवार के लिए की सुख-समृद्धि की कामना
फोटो नंबर-8- पूजा-अर्चना करते श्रद्धालु.प्रतिनिधि, देव.प्रसिद्ध सौर तीर्थस्थल देव में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बावजूद श्रद्धालुओं ने सूर्य मंदिर में आस्था व विश्वास के साथ भगवान का दर्शन पूजन किया. सुबह से ही चारों ओर कोहरा छाया रहा और ठंडी हवाएं भी चलती रही. इसके बाद भी 2025 के अंतिम रविवार को दर्शन पूजन के लिए सूर्यनगरी में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिली. अंतिम रविवार को औरंगाबाद, गया जी, जहानाबाद, अरवल, नवादा, रोहतास, कैमूर, झारखंड के गढ़वा, हजारीबाग , चतरा सहित अन्य जिलों से पहुंचे श्रद्धालु भगवान सूर्य नारायण के दर्शन कर भाव-विभोर हो गये. श्रद्धालुओं का कहना है कि इस ठंड में भी यहां आने का अलग ही आनंद है और भगवान सूर्य के दर्शन से सारी थकान व ठंड दूर हो जाती है. इधर मंदिर प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे. पूरे दिन दर्शन सुचारु रूप से होता रहा. हालांकि एक बजे के बाद हल्की धूप होने से श्रद्धालुओं को ठंड से राहत मिली.
देव मंदिर में भगवान सूर्य तीन स्वरूपों में हैं विराजमान
बता दें कि देव सूर्यमंदिर में भगवान सूर्य तीन स्वरूपों में विराजमान हैं. देव मंदिर में सात रथों से सूर्य की उत्कीर्ण प्रस्तर मूर्तियां अपने तीनों रूपों उदयाचल (प्रातः) सूर्य, मध्याचल (दोपहर) सूर्य और अस्ताचल (अस्त) सूर्य के रूप में विद्यमान है. पूरे देश में यही एकमात्र सूर्य मंदिर है, जो पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिमाभिमुख है. मंदिर के गर्भ गृह में भगवान सूर्य, ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के रूप में विराजमान हैं. पुजारी राजेश पाठक, मृत्युंजय पाठक, कमलाकांत पांडेय, सुभाष पाठक, अमित पाठक, गौतम पाठक ने श्रद्धालुओं को पूजा करायी. पुजारी राजेश पाठक ने बताया कि पौष माह में रविवार को सूर्य देवता की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. न्यास समिति के सचिव विश्वजीत राय, कोषाध्यक्ष सुधीर सिंह व सदस्य व समाजसेवी लक्ष्मण गुप्ता, योगेंद्र सिंह ने बताया किनववर्ष में श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं.
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