पायलट पद्धति को बताया तुगलकी फरमान

जवाबदेही से बचने के लिए मनमानी करपी : बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ प्रखंड करपी की बैठक करपी हाइ स्कूल के प्रांगण में कुमारी सीमा की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा वसूली एवं दंड निरुपण के लिए पद्धति ( पायलट ) लागू करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 17, 2017 4:54 AM

जवाबदेही से बचने के लिए मनमानी

करपी : बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ प्रखंड करपी की बैठक करपी हाइ स्कूल के प्रांगण में कुमारी सीमा की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा वसूली एवं दंड निरुपण के लिए पद्धति ( पायलट ) लागू करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे तुगलकी फरमान करार दिया. मालूम हो कि मगध प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के सम्यक संचालन तथा विभिन्न स्तर पर निरीक्षण के दौरान अनिमियता के विरुद्ध दंड संबंधी सभी परियोजना पदाधिकारी को निर्देश दिया है जिसे पायलट नाम दिया गया है.
इस प्रावधान के तहत बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा दो माह पर केंद्र का निरीक्षण किया जायेगा.
निरीक्षण तिथि को कुल उपस्थित बच्चों एवं केंद्र खुले होने का स्थानीय जानकारी के आधार पर राशि वसूली एवं दंड निरूपण किया जायेगा और यह दंड चाइल्ड दिवस निर्धारित करके सेविका को दिया जायेगा. संघ नेताओं ने कहा कि वसूली एवं दंड निरूपण प्रावधान को सुनकर जुल्मी अंग्रेज भी शरमा जायेंगी.
वस्तुतः सरकार अपनी गरीब बच्चों एवं महिलाओं के प्रति जवाबदेही से बचने के लिए सेविकाओं को बली का बकरा बनाना चाहती है. केंद्र सरकार द्वारा आइसीडीएस कार्यक्रम के आंवटन में भारी कटौती करने के फलस्वरूप आंगनबाड़ी केंद्र बुरी तरह प्रभावित हो चुका है. राशि कटौती से पूर्व पोशाहार 10 माह तक के बच्चों के लिए उपलब्ध रहता था अब मात्र चार माह ही भुगतान हो पाता है. इतना ही नहीं आंगनबाड़ीकर्मियों का मानदेय भुगतान भी करना कठिन हो गया है.
15 माह से आंगनबाड़ी कर्मियों का कोई भुगतान नहीं हुआ है. अब पायलट परियोजना द्वारा सरकार सेविकाओं को समाज के समक्ष आंगनबाड़ी केंद्रों की गुणवत्ता में आयी गिरावट के लिए गुनहगार साबित कर चाइल्ड दिवस का ड्रामा कर सेविकाओं को समाज एवं बच्चों के बीच जलील कर दंड सुनाना चाहती है, ताकि सरकार समाज के समक्ष तटस्थ और जवाबदेह बना रहे और अपनी पीठ थपथपा सके. नेताओं ने कहा सरकार के मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे हम इस पूरी मामला को समाज और न्यायालय तक ले जायेंगे .
हम 21 अगस्त से 9 सितंबर तक काला बिल्ला लगाकर पायलट कार्यक्रम का विरोध करते हुए जनमानस तक अपनी बात ले जाएंगे . इस अवसर पर मुन्नी देवी,रेखा कुमारी, धर्मशीला कुमारी ,सविता कुमारी, पूनम कुमारी, विभा कुमारी,आरती कुमारी, प्रभा कुमारी, चंदा कुमारी, आसामनी, उषा देवी, इंदुमती देवी, पुनदेव कुमार, श्रवण कुमार,नवल कुमार, गिरिराज सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये .

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