आरा-सासाराम रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी
लगभग 110 किलोमीटर लंबी परियोजना को पूरा करने के लिए 700 करोड़ रुपये खर्च करने हैं
आरा.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले आरा-सासाराम रेल लाइन के बहुप्रतीक्षित दोहरीकरण का कार्य सक्रिय रूप से क्रियान्वयन के चरण में प्रवेश कर चुका है. भोजपुर और रोहतास जिलों में सर्वेक्षण और भूमि अधिग्रहण का कार्य तेज किया जा रहा है. रेल मंत्रालय से औपचारिक मंजूरी मिलने के बाद निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इस परियोजना के लिए जमीनी काम शुरू हो गया है. एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि लगभग 110 किलोमीटर लंबी परियोजना को पूरा करने के लिए 700 करोड़ रुपये खर्च करने हैं. इस परियोजना को तीन साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.समय पर कार्य निष्पादन के लिए भूमि अधिग्रहण का शीघ्र पूरा होना महत्वपूर्ण होगा, प्रोजेक्ट में आयी तेजीरेलवे और जिला प्रशासन की टीमों ने भूमि मापन, मार्ग निर्धारण और बाधा उत्पन्न करने वाले क्षेत्रों की पहचान में तेजी लाने के लिए एक संयुक्त सर्वेक्षण शुरू किया है.अधिकारियों ने कहा कि समय पर कार्य निष्पादन के लिए भूमि अधिग्रहण का शीघ्र पूरा होना महत्वपूर्ण होगा.आरा जक्शन के एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने कहा कि जिला अधिकारियों के साथ संयुक्त सर्वेक्षण का उद्देश्य निर्माण एजेंसी को भूमि का शीघ्र हस्तांतरण सुनिश्चित करना है.शीघ्र भूमि अधिग्रहण से देरी में काफी कमी आएगी.हाजीपुर जोन के अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में भूमि सर्वेक्षण और माप का कार्य चल रहा है, जिसके बाद ट्रैक बिछाने सहित पूर्ण पैमाने पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.आरा- सासाराम रेल लाइनआरा-सासाराम खंड के दोहरीकरण से अत्यधिक भीड़भाड़ वाली दानापुर-पं. डीडीयू मुख्य लाइन पर दबाव कम होने की उम्मीद है, जहां उच्च यातायात घनत्व के कारण अक्सर देरी होती है.बक्सर में तैनात एक अधिकारी ने कहा कि एक बार दोहरीकरण हो जाने के बाद, यह मार्ग यात्री और मालगाड़ियों दोनों के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक गलियारे के रूप में काम करेगा.फिलहाल, दो एक्सप्रेस सेवाओं सहित लगभग छह ट्रेनें सिंगल-लाइन सेक्शन पर चलती हैं और अक्सर क्रॉसिंग पर लंबा इंतजार करना पड़ता है.इस परियोजना को माल ढुलाई के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने वाला माना जा रहा है. लाखों लोगों को फायदादोहरीकरण के बाद, रेलवे की योजना आरा-सासाराम मार्ग पर ट्रेनों की आवृत्ति और गति बढ़ाने की है, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और क्रॉसिंग के कारण होने वाली परिचालन संबंधी बाधाएं भी कम हो जाएंगी.इस परियोजना से भोजपुर, रोहतास और कैमूर जिलों के लाखों यात्रियों को लाभ होने की उम्मीद है और यह क्षेत्रीय विकास के लिए उत्प्रेरक का काम भी करेगी.रेल अधिकारियों ने की पुष्टिरेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आरा-सासाराम दोहरीकरण परियोजना पं. डीडीयू डिवीजन के अंतर्गत आती है और तैयारी का काम निर्धारित समय पर चल रहा है. हाजीपुर जोन के एक अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण और भूमि माप का काम जारी है. इस चरण के पूरा होने के बाद निर्माण कार्य में तेजी आएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
