बेटा ही निकला झारखंड पुलिस के हवलदार का हत्यारा
अनुकंपा की नौकरी और संपत्ति के लिए दोस्त के साथ मिलकर पिता की गला रेत कर दी हत्या
कोईलवर.
20 दिसंबर की अहले सुबह हुई झारखंड पुलिस के हवलदार की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए आरोपित बेटे को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के अनुसार अपने पिता की नौकरी और उनकी अर्जित संपत्ति को हथियाने के चक्कर में कलियुगी बेटे ने दोस्त के साथ मिलकर अपने बाप की गला रेतकर हत्या कर दी थी. पकड़े गये पुत्र और उसके दोस्त ने हत्या में अपनी संलिप्तता भी कबूल ली है. इसे लेकर सदर एसडीपीओ-2 रंजीत कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता कर पूरे घटनाक्रम से परदा हटाया है. बताया कि चांदी थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव में 20 दिसंबर की अहले सुबह छुट्टी पर अपने घर आये झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की उनके घर में ही गला रेतकर हत्या कर दी गयी थी. घटना की सूचना मिलते ही चांदी थानाध्यक्ष घटनास्थल पर पहुंचे और छानबीन शुरू की. इसके बाद सदर एसडीपीओ भी पहुंचे और परिवार के सदस्यों से बयान लिया. उसी दिन चांदी थाने में मृतक की पत्नी के फर्दबयान पर मामला दर्ज कर हत्याकांड की जांच शुरू हुई. बाद में एसपी भी मृतक के घर पहुंचे और तफ्तीश की. हालांकि मामला शुरू से ही संदेहास्पद लग रहा था और शक की सुई करीबियों के आसपास ही घूम रही थी.बेटा ही निकला कातिलहत्याकांड का उद्भेदन करते हुए एसडीपीओ सदर-2 रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि पशुपतिनाथ तिवारी झारखंड पुलिस में चालक हवलदार के पद पर हजारीबाग में पीसीआर में कार्यरत थे और सपरिवार हजारीबाग में ही रहते थे. हत्या से लगभग 10 दिन पहले उनके पैतृक घर चांदी थाना क्षेत्र के भगवतपुर में चोरी की घटना हुई थी, जिसे लेकर वे छुट्टी पर घर आये थे और भगवतपुर में ही थे. एसडीपीओ ने बताया कि मृतक का बेटा ड्रग्स और नशे का आदि हो गया था. इस वजह से बाप-बेटे के बीच आपसी सामंजस्य ठीकठाक नहीं था. उसे लगता था कि पिता की मौत के बाद उनकी नौकरी उसे हो जायेगी. इसी सोच को मूर्त रूप देते हुए वह एक सुनियोजित साजिश के तहत हत्या की रात हजारीबाग से अपने एक दोस्त के साथ अपने गांव भगवतपुर आया और अपने पिता की गला रेतकर हत्या कर दी और उसी रात वापस हजारीबाग फरार हो गया. इस पूरे प्रकरण में उसकी मां ने उसका समर्थन किया. बाइक से आया हजारीबाग से भगवतपुर हत्यारे पुत्र विशाल तिवारी के साथ हत्याकांड में शामिल उसका दोस्त हजारीबाग निवासी कुतुबुद्दीन अहमद जिलानी के बेटे जीशान अहमद जिलानी ने बताया कि वह हजारीबाग में वेल्डर का काम करता है और काम के बाद ब्लिंकिट पर पार्सल पहुंचाने का काम करता है. हजारीबाग में दोनों का घर आसपास होने की वजह से विशाल से उसकी 15 साल से अधिक की दोस्ती है. दोनों सूखे नशे के आदि थे. घटना से पहले विशाल ने जीशान को बताया कि औरंगाबाद में यह सब सस्ते में मिलता है. इसे लेकर दोनों 19 दिसंबर की शाम हजारीबाग से चले, लेकिन औरंगाबाद में न रुककर सीधे भगवतपुर आ गये. आधी रात के बाद भगवतपुर पहुंचने के बाद दोनों घर के अहाते में घुसकर घर के पीछे के रास्ते से घर के अंदर प्रवेश कर गये और सोये अवस्था में दोनों ने पशुपतिनाथ तिवारी की गला रेतकर हत्या कर दी. हत्या के दौरान हत्यारे बेटे विशाल ने अपने पिता के अंगूठे की अंगुली भी रेत दी, ताकि अंगूठे के निशान कोई न ले सके. इस पूरे प्रकरण के दौरान मृतक की पत्नी और विशाल की मां मणि देवी घटनास्थल पर मौजूद रही और सबकुछ उसके सामने किया गया. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों उसी रात बाइक से ही वापस हजारीबाग लौट गये. इस बीच घटना में इस्तेमाल चीजों को सहार पुल से सोन नदी में फेंक दिया और आगे बढ़ गये. तकनीकी और वैज्ञानिक जांच में मिला क्लू, दो साल से चल रही थी हत्या की साजिशघटना के बाद हरकत में आयी पुलिस ने जब जांच को आगे बढ़ाया तो हत्याकांड में हजारीबाग के जीशान का नाम सामने आया, जिसके बाद जीशान को हजारीबाग से पकड़ा गया. पकड़े गये जीशान से जब कड़ाई से पूछताछ की गयी तो उसने सारा राज उगल दिया. उसने बताया कि 2023 से ही पशुपतिनाथ तिवारी की हत्या की साजिश चल रही थी. हवलदार को रास्ते से हटाने को लेकर मां-बेटे ने कई बार प्रयास भी किया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. इसी बीच गांव के घर पर चोरी हुई और दोनों पति-पत्नी गांव आ गये, जहां हवलदार को मौत के घाट उतार दिया गया. बेटे और पत्नी द्वारा हत्या को चोरी की घटना से जोड़ने का भरसक प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. “प्रभात खबर ” ने पहले ही जतायी थी आशंकाघटना को लेकर मृतक की पत्नी व परिजनों के बयान में विरोधाभास को लेकर “प्रभात खबर ” ने पहले ही हत्या की सुई अपनों के आसपास मंडराने की बात कही थी. “प्रभात खबर ” ने बताया था कि “घटना को लेकर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. एक हफ्ते पूर्व घर में चोरी, मृतक का हजारीबाग से भगवतपुर आना, जमीन का एग्रीमेंट, नौकरी से रिटायरमेंट में सिर्फ एक माह बचना, हत्या से पूर्व देर रात तक मृतक का अज्ञात लोगों के साथ पार्टी करना समेत तमाम ऐसी बाते हैं, जो हत्या की कड़ी को एक दूसरे से जोड़ते हैं.
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