हमारी सांस को भी कॉरपोरेट घरानों को बेच रही मोदी सरकार : सांसद

अरावली बचाओ के मुद्दे को लेकर माले आइसा ने निकाला विरोध मार्च

By DEVENDRA DUBEY | December 28, 2025 6:42 PM

आरा.

जल-जंगल-जमीन-पर्यावरण बचाने को लेकर भाकपा-माले आइसा ने जिला कार्यालय श्रीटोला से मार्च निकाल कर पूर्वी गुमटी, नवादा होते हुए रेलवे परिसर पहुंच कर सभा की. संचालन छात्र संगठन आइसा भोजपुर जिला सहसचिव रौशन कुशवाहा ने किया. सभा को संबोधित करते हुए सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि प्रकृति और हमारी जल-जंगल-जमीन को बचाने के लिए कोई प्लान-बी नहीं है. हमारे पास एक ही दुनिया है. दिल्ली की दमघोंटू हवा से लेकर छत्तीसगढ़ और ग्रेट निकोबार के उजड़ते जंगलों तक और हिमालय में लगातार सामने आती आपदाओं तक हम अपने भविष्य और आनेवाली पीढ़ियों के भविष्य के खिलाफ मोदी सरकार की विनाशकारी नीतियों के गवाह हैं. एक तरफ मोदी सरकार झूठ पर झूठ बोल रही है और दूसरी तरफ उसके कारपोरेट मित्र सरकार की तथाकथित ‘इज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ नीति के पूरे संरक्षण में हमारी सांसों की हवा, पीने का पानी, जंगल, पहाड़ और प्रकृति को बेरहमी से तबाह कर रहे हैं. भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य राजू यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत शृंखला अरावली की परिभाषा को मनमाने और छलपूर्ण तरीके से बदल दिया है. पूर्व विधायक शिवप्रकाश रंजन ने कहा कि उत्तराखंड में मोदी सरकार ने 900 किलोमीटर की चारधाम सड़क परियोजना को जानबूझकर 100 किलोमीटर से कम कर 53 हिस्सों में बांट दिया. पर्यावरण बचाओ मार्च में भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य व आरा नगर सचिव, सुधीर सिंह, आरा मुफ्सिल सचिव विजय ओझा , आइसा राज्य सचिव कॉ शबीर कुमार, जिला अध्यक्ष निरंजन केसरी, कार्यालय सचिव दिलराज प्रीतम, आइसा जिला सहसचिव जयशंकर प्रसाद, उपाध्याय सुमित कुमार आदि शामिल थे.

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