Bhojpuri News : चांदी में हवलदार की गला रेतकर हत्या
चांदी थाने के भगवतपुर गांव में छुट्टी पर आये झारखंड पुलिस के चालक हवलदार की गला रेतकर हत्या कर दी गयी. घटना शुक्रवार की रात की है.
कोईलवर. चांदी थाने के भगवतपुर गांव में छुट्टी पर आये झारखंड पुलिस के चालक हवलदार की गला रेतकर हत्या कर दी गयी. घटना शुक्रवार की रात की है. मृतक की पहचान 59 वर्षीय पशुपतिनाथ तिवारी के रूप में हुई है, जो चांदी थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव निवासी स्व. रामसुरेश नाथ तिवारी के पुत्र थे. पशुपतिनाथ तिवारी हजारीबाग में पुलिस पीसीआर में चालक हवलदार के पद पर तैनात थे. वे एक हफ्ते पहले छुट्टी लेकर अपने गांव भगवतपुर आये थे. पुलिस मामले की जांच कर संदिग्धों की तलाश में जुटी हुई है. मृतक के पैतृक घर में बीते 13 दिसंबर को चोरी हुई थी. इसकी सूचना मिलने पर वह अपनी पत्नी के साथ 14 दिसंबर को घर आये थे.
दिन में जमीन का एग्रीमेंट, शाम को पार्टी, रात में हत्या
मृतक के परिजनों ने बताया कि पशुपतिनाथ तिवारी ने नारायणपुर थाने के मड़नपुर में दो बीघे जमीन का एग्रीमेंट शुक्रवार को कराया था जिसके एवज में पांच लाख रुपये भी चेक के माध्यम से दिये थे. वे शाम को घर पहुंचे. इसके बाद दो-तीन लोगों के साथ घर के अहाते में पार्टी की थी. देर रात तक पार्टी चलने के दौरान ही मृतक की पत्नी ने उन्हें सोने को कहा जिस पर उन्होंने कहा कि तुम जाओ हम सो जायेंगे. इसके बाद उनकी पत्नी अपने कमरे में सोने चली गयी. परिजनों ने बताया कि वे अक्सर बाहर के कमरे में सोते थे. इधर, मृतक की पत्नी ने बताया कि जब वह सुबह साढ़े चार बजे के करीब सोकर उठी तो बाहरी कमरे में गयी, जहां उनके पति खून से लथपथ पड़े थे. उन्होंने जब अपने पति को उठाना चाहा तो पाया कि गला कटा हुआ है, साथ ही चेहरे हाथ और अन्य जगहों पर धारदार हथियार से कटे के निशान हैं, जबकि तकिया, मच्छरदानी वगैरह इधर-उधर बिखरे पड़े थे. खून के छींटे दीवारों से लेकर बेड और जमीन तक बिखरे थे. घटना के बाद मृतक की पत्नी घर से बाहर निकली और लोगों को इसकी जानकारी दी.
पुलिस ने शुरू की तफ्तीश
पुलिस को साढ़े चार बजे सुबह के आसपास सूचना मिली. चांदी थानाध्यक्ष राकेश रौशन दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और तहकीकात शुरू की. बाद में सदर एसडीपीओ-2 रंजीत कुमार सिंह भी पहुंचे और बंद कमरे में एक-एक कर परिजनों के बयान दर्ज किये. घटना की वीभत्सता को देखते हुए सदर एसडीपीओ-2 के निर्देश पर एफएसएल और डीआइयू कि टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य इकट्ठा कर जांच को आगे बढ़ाया.
परिजनों के बयान में विरोधाभास, शक की सूई अपनों पर
घटना को लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. एक हफ्ते पूर्व घर में चोरी, हजारीबाग से भगवतपुर आना, जमीन का एग्रीमेंट, नौकरी से रिटायरमेंट में सिर्फ 42 दिन बचना, हत्या से पूर्व देर रात तक मृतक का अज्ञात लोगों के साथ पार्टी करना समेत तमाम ऐसी बातें हैं जो हत्या की कड़ी को एक दूसरे से जोड़ती हैं. हत्या के समय घर में सिर्फ पति-पत्नी ही थे. पत्नी अंदर के कमरे में सोयी थी, जबकि मृतक पत्नी के कमरे के बाहर वाले कमरे में सोया था जिसका दरवाजा बाहर खुलता है. हत्या के बाद बाहरी दरवाजा खुला था या नहीं इस पर पत्नी ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है, जबकि पत्नी और पति के बेड के बीच बमुश्किल 10 फुट की दूरी होगी. ऐसे में चर्चा यह भी है कि रात के सन्नाटे में घर के अंदर सोये व्यक्ति की कोई इस तरह हत्या कर दे और कुछ ही दूरी पर सोये व्यक्ति की नींद न टूटे यह सोचनीय है. आसपास के लोगों ने बताया कि मृतक 31 जनवरी को रिटायर होने वाले थे और परिवार में एक बेटा है जिसकी वे शादी कर चुके थे. मृतक के पुत्र और बहू हजारीबाग में ही थे जो घटना की सूचना मिलते ही घर को निकल चुके थे. मृतक तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. बड़े भाई ओमकारनाथ तिवारी की पहले ही मौत हो चुकी है. घटना की सूचना मिलते ही सभी के परिजन दौड़े भागे भगवतपुर पहुंचे.
हर बिंदु पर हो रही जांच : एसडीपीओ
इस बाबत सदर एसडीपीओ-2 रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला गला रेतकर हत्या का प्रतीत हो रहा है. परिजनों की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नही मिल पायी है. मामला संदिग्ध लग रहा है. हालांकि पुलिस हर एक बिंदु पर जांच कर रही है. जल्द ही हत्यारे पुलिस के कब्जे में होंगे.
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