खाद्य संयम दिवस के रूप में मना पर्यूषण पर्व
काफी संख्या में मौजूद थे श्रद्धालु
फारबिसगंज. शहर के तेरापंथ भवन में पर्युषण महापर्व का प्रथम दिन खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया गया. श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ समाज ने आज पर्यूषण पर्व का प्रथम दिन खाद्य संयम दिवस उपासक द्वय सुशील बाफना व सुमेरमल बैद की सन्निधि में मनाया. साधु साध्वी हर जगह पर चतुर्मास में नहीं पहुंच पाते हैं. इसीलिए तेरापंथ धर्म संघ में यह व्यवस्था की गयी है कि जहां साधु साध्वी ना पहुंच पाये वहां पर पर्युषण महापर्व पर उपासक श्रेणी पहुंचती है. इन उपासक श्रेणी के द्वारा पर्यूषण महापर्व पर धर्माराधना व साधना आदि करवाई जाती है. पिछले वर्ष साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी ठाणा चार का चातुर्मास फारबिसगंज को मिला था. इस बार कोलकाता से विद्वान उपासक सुशील बाफना व सुमेरमल बैद का पर्यूषण पर्व पर गुरु इंगितानुसार धर्म साधना के लिए यहां पर आना हुआ है. कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल की बहनों के द्वारा मंगलाचरण से किया गया. सभा अध्यक्ष महेंद्र बैद ने दोनों उपासक का अभिनंदन व स्वागत करते हुए कहा कि फारबिसगंज भूमि गुरु कृपा से हमेशा हरी भरी रहती है. यहां पर एक से बढ़कर एक विद्वान साधु संतों व उपासक श्रेणी का आना होता है. पूरा समाज जागृत होकर पर्युषण महापर्व की आराधना में जुड़े. महिला मंडल की अध्यक्ष समता दुग्गड़ ने उपासक द्वय का अभिनंदन व स्वागत किया व फारबिसगंज के तेरापंथ समाज को ज्यादा से ज्यादा पर्युषण महापर्व पर जुड़े रहने का आह्वान किया. आयुष बैद शहर के मुंशी पोखर के समीप के निवासी ममता व प्रदीप बैद के सुपुत्र हैं. पर्युषण महापर्व के प्रथम दिवस पर तेरापंथ भवन के महाप्रज्ञ ध्यान कक्ष में जैन श्रद्धालुओं की अच्छी संख्या में उपस्थित दर्ज की गयी.
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