अच्छे कर्म ही मानव की पहचान हैं: आचार्य परमहंस

सभी यज्ञों में सत्संग यज्ञ सर्वोत्तम है

By MRIGENDRA MANI SINGH | December 25, 2025 6:45 PM

भरगामा. मानव जीवन की सार्थकता अच्छे कर्मों में निहित है. अच्छे कर्म ही पुण्य के रूप में फलीभूत होते हैं व व्यक्ति की वास्तविक पहचान बनते हैं. उक्त बातें आचार्य परमहंस योगानंद जी महाराज ने भरगामा बाजार में आयोजित एक दिवसीय संतमत सत्संग के दौरान कही. आचार्य ने कहा कि मानव को पंच पापों से सदैव बचना चाहिए व दान अपनी पात्रता के अनुसार करना चाहिए. उन्होंने बुजुर्गों को परिवार की मजबूत नींव बताते हुए कहा कि बुजुर्गों के बिना परिवार अधूरा है. परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम व सम्मान बना रहे तो मां लक्ष्मी का वास सदैव रहता है. सत्संग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आचार्य ने कहा कि सभी यज्ञों में सत्संग यज्ञ सर्वोत्तम है. क्योंकि सत्संग से मन, विचार व आचरण शुद्ध होता है. इस अवसर पर भरगामा बाजार के प्रसिद्ध व्यवसायी स्व. सीताराम भारती को उपस्थित श्रद्धालुओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की. आचार्य के भरगामा आगमन पर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर उनका व अन्य संत-महात्माओं का भव्य स्वागत किया. श्री सद्गुरु महाराज के जयघोष से भरगामा बाजार गूंज उठा. वहीं व्यवसायी संघ के अध्यक्ष मिथलेश सिंह ने संत-महात्माओं का माल्यार्पण कर सम्मान किया. सत्संग को स्वामी सुभाषानंद जी महाराज ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम के उपरांत भंडारे का आयोजन किया गया.जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. सत्संग में क्षेत्र के बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता रही.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है