सदाचार व श्रेष्ठ संस्कारों के बिना विकास संभव नहीं : गुरुसेवी
समारोह में संतों ने विस्तार से बतायी सत्संग की महिमा
संतमत सत्संग का 13 वां अधिवेशन में उमड़ी श्रद्धालु की भीड़
परवाहा. रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के खरहट व बरमोत्तरा में दो दिवसीय संतमत सत्संग का आयोजन हुआ. इस सत्संग महाधिवेशन में स्वामी पूज्य गुरुसेवी भागीरथ बाबा, स्वामी पूज्य प्रमोद बाबा सहित कई संत महात्माओं ने भाग लिया. समारोह में संतों ने सत्संग की महिमा विस्तार से बतायी. संतों ने अपने प्रवचन में कहा कि जब तक किसी समाज का आध्यात्मिक स्तर ऊंचा नहीं होगा, तब तक सदाचार व श्रेष्ठ संस्कारों का विकास संभव नहीं है. सत्संग व ध्यान को जीवन का अनिवार्य हिस्सा बताते हुए कहा कि इससे मन निर्मल होता है. चोरी, हिंसा, व्यभिचार जैसी कुरीतियां स्वतः समाप्त होती है. संतों ने लोगों को ज्ञान, भक्ति व नैतिक मूल्यों के मार्ग पर चलने का संदेश दिया. इस सत्संग समारोह में कुपाड़ी, गीतवास, परमानंदपुर, बसगड़ा, छतियौना सहित दर्जनों गांव के लोगों ने पहुंचकर संतों का अमृतवाणी सुनकर लाभान्वित हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
