अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल काॅरिडोर से बिहार में बढ़ेगा रोजगार, हर साल हजारों लोगों को मिलेगी नौकरी

अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (एकेआइसी) के आकार लेने के बाद बिहार की मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर की वार्षिक विकास दर में जबरदस्त वृद्धि होने की संभावना है. वर्ष 2037 तक प्रदेश की सालाना वृद्धि दर 12.6% तक प्रस्तावित है.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2023 7:13 AM

राजदेव पांडेय, पटना

अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (एकेआइसी) के आकार लेने के बाद बिहार की मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर की वार्षिक विकास दर में जबरदस्त वृद्धि होने की संभावना है. वर्ष 2037 तक प्रदेश की सालाना वृद्धि दर 12.6% तक प्रस्तावित है. यह विकास दर इस कॉरिडोर में शामिल राज्यों में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, झारखंड और पश्चिमी बंगाल की तुलना में यह सबसे अधिक है. यह कॉरिडोर गया जिले से निकल रहा है.

Also Read: पटना में राज्य के सबसे बड़े मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का होगा निर्माण, इतने लोगों को मिलेगी सीधे नौकरी..

कॉरिडोर प्रोजेक्ट को बिहार की अर्थव्यस्था में गेमचेंजर माना जा रहा है. यह देखते हुए कि विकास दर में उत्साहजनक इजाफे के अलावा कॉरिडोर में कुल उत्पादन के मूल्य में 8% की हिस्सेदारी बिहार की होगी. नेशनल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक 2022- 27 के बीच बिहार की विकास दर 12.3%, 2027-2032 के बीच 14.3 और 2032-37 के बीच यह विकास दर 15.3% अनुमानित है. इस तरह 2037 तक औसत विकास दर 12.6% होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि बिहार में इस कॉरिडोर में निर्माण क्षेत्र 2022 तक पूरा नहीं हुआ है. इसके बाद भी विकास दर इसी के कमोबेश रहने का अनुमान है.

बिहार उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने आठ फरवरी को अमृतसरकोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम और टाटा इंसल्टिंग इंजीनरियर्स के अफसरों से विकास के संदर्भ में चर्चा की है. इस बैठक में जरूरी दिशा निर्देश दिये गये. गया जिले में घमरिया क्षेत्र में करीब 1650 एकड़ की साइट को अमृतसर कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर (एकेआइसी) के हिस्से के रूप में एक एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आइएमसी) के रूप में विकसित किया जा रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक इस कॉरिडोर से न केवल औद्योगिक विकास होगा,बल्कि बिहार से रोजगार के लिए होने वाला पलायन भी रुकेगा.

Next Article

Exit mobile version